21 वर्षीय दीपिका जैन ने ली दीक्षा, बनी दिव्यांशीश्री जी


इंदौर। 21 वर्षीय दीपिका जैन की उंगलियां मोबाइल, लैपटाप पर थिरकती थी, वहीं अब उनके हाथों में पिच्छी और कमंडल देख लोग भावुक थे। सवाई माधोपुर निवासी दीपिका ने श्रमणसंघ के आचार्य शिवमुनि जी से दीक्षा ग्रहण कर दीपिका जैन से महासती दिव्यांशीश्री जी बन गई। भव्य दीक्षा समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद थे और पूरा वातावरण जयघोष से गुंजायमान हो रहा था। दीक्षा से पूर्व आचार्य शिवमुनि एवं बसंत कंवर जी ने दीपिका से पुन: पूछा कि दीक्षा या सांसारिक जीवन में से कौन सा मार्ग चुनना है। एक बार फिर विचार कर लो किंतु दृढनिश्चयी दीपिका ने दीक्षा का मार्ग चुनने पर अपनी सहमति दी।

इसके बाद वे सारी रश्में और क्रियाएं सम्पन्न की गई, जो दीक्षार्थी को करनी पड़ती हैं। फिर एक-एक कर कैशलोच, सांसारिक वेषभूषा त्याग साध्वी की वेशभूषा धारण करवाकर दीक्षा प्रदान की गई और दीपिका अब बन गई दिव्यांशीश्री माता जी। बता दें कि बसंतकुंवर जी के संघ में सबसे छोटी उम्र 21 वर्ष की अवस्था में दिव्यांशीश्री शामिल हुई हैं। समिति के अध्यक्ष डा. नेमनाथ जैन एवं महामंत्री रमेश भंडारी ने बताया कि प्रात: 08.00 बजे हाईकोर्ट के पास से दीक्षाथी दीपिका जैन को बग्गी में बैठालकर भव्य शोभायात्रा निकाली गई।

इसके बाद प्रवचन तत्पश्चात दीक्षा कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस दौरान इस मौके पर केंद्रीयमंत्री कलराज मिश्र, पूर्व कुलपति भरत छापरवाल, पोरवाल संघ प्रमुख बुद्दिप्रकाश जैन, रामप्रसाद जैन, छगनलाल जैन, पाषर्द दीपक जैनू, अचल चौधरी, प्रकाश भटेवरा आदि मौजूद थे। संचालन हस्तीमल झैलावत ने किया। जिनेर जैन ने सभी श्रद्धालुओं का आभार माना।


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