ग्राफिक्स कंपनी खोली, अमेरिका तक फैला काम, अब ले रहे दीक्षा


बाड़मेर,। आत्मा का कल्याण कर परमात्मा बनाना निश्चय ही कठिन है किन्तु असंभव नहीं इसी भावना से वसीभूत हो नगर का होनहार युवा मुमुक्षु लोकेश गोलछा संयम पथ पर अग्रसर है। आज के युवा जहां महंगे मोबाइल ओर इन्टरनेट जैसी अधुनिक सुविधाओं के पीछे भागते है ओर धर्म से विमुख हो रहे है वहीं ग्राफिक डिजायनर की योग्यता रखने वाले अपनी आत्मा की डिजायन करने की भावना से छतीसगढ़ के जगदलपुर निवासी मुमुक्षु लोकेश गोलच्छा जैसे विरले युवा इन भौतिक सुख-सुविधाओं को नरक का द्वार मानते हुए इन भौतिक सुखों का परित्याग कर, सांसारिक चकाचैंख से मोहभंग होने के बाद 15 नवम्बर, बुधवार को चैहटन स्थित श्री लब्धिनिधान पाश्र्वनाथ तीर्थ परिसर में जैन मुनि दीक्षा ग्रहण करेगें।

जैनाचार्य से लेगें 15 नवम्बर को दीक्षा जगदलपुर(छ.ग.) के 28 वर्षीय लोकेश गोलच्छा, अमेरिका की फीवर डाॅट काॅम से था लोकेश की कंपनी का अनुबंध। दीक्षा महोत्सव को लेकर तैयारियां जोरों पर, दुल्हन की सजाए दीक्षा स्थल को।

छतीसगढ़ के जगदलपुर शहर का रहने वाला एक ग्राफिक्स डिजायनर सामाजिक मोहमाया को छोड़कर दीक्षा की राह पर निकला है। 28 वर्षीय लोकेश ग्राफिक्स डिजाइनिंग कंपनी के मालिक है। जिन्होनें जगदलपुर जैसे छोटे से शहर से ही अपना कारोबार अमेरिका तक फैलाया। गोलछा परिवार के तीन भाई एवं एक बहन में सबसे छोटे लोकेश गोलछा 6 साल पहले जैनाचार्य पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज के वैराग्यमय प्रवचनों से प्रभावित होकर वैराग्यकाल में चले गए। 2 सितम्बर 2017 को छोटे बच्चे से लेकर बड़ें सदस्यों ने दिल पर पत्थर रखकर लोकेश को जैन दीक्षा अंगीकार करने की स्वीकृति प्रदान करते हुए बाड़मेर नगर में चातुर्मासार्थ विराजित आचार्य पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज से दीक्षा का मुहुर्त प्रदान करने की विनंती की। परिवार व मुमुक्षु की आग्रहभरी विनंती स्वीकार कर आचार्य भगवंत ने 15 नवम्बर 2017 को चैहटन समीप लब्धिनिधान तीर्थ में दीक्षा प्रदान करने का मुहुर्त प्रदान किया।
लोकेश के स्कूली पढ़ाई के दौरान ही माता-पिता का निधन हो गया। इसके बाद चाचा-चाची के लाड़-प्यार से वे आगे बढ़े। नेशनल स्कूल एवं निर्मल विद्यालय से 12वीं की पढ़ाई पूरी कर आईटी और ग्राफिक्स में रूचि रखने वाले होनहार लोकेश ने विशाखापट्नम से विजुअल ग्राफिक्स में डिप्लोमा किया। वे अपने ग्राफिक्स अमेरिका की कंपनी फीवर डाॅट काॅम से अनुबंध कर अपनी ग्राफिक्स डिजायन भेजते थे।
2010 में चातुर्मास के दौरान जगदलपुर पहुंचे जैनाचार्य पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज के विचारों से इतने प्रभावित हुए कि उन्हीं के सान्ध्यि में दीक्षा लेने का प्रण लिया। इसके एक साल बाद 2011 से गुरू के शरण में चले गए।
जाने से पहले माहौल हुआ गमगीन- लोकेश के निवास में रविवार दोपहर का वातावरण उस समय गमगीन हो गया जब वह परिवार के सभी सदस्यों से विदा रहे थे। लोकेश 15 नवम्बर को जैनचार्य पीयूषसागर सूरीश्वर महाराज से श्री लब्धिनिधान पाश्र्वनाथ मणिधारी तीथ ढोक, चैहटन जिला बाड़मेर राजस्थान में दीक्षा ग्रहण करेगें। जिसका पांच दिवसीय आयोजन 9 नवम्बर से किया जाएगा। जिामें सम्पूर्ण भारतवर्ष से श्रद्धालुगण शिरकत करेगें।
दीक्षा निमिŸा संवेगरंगोत्सव का आगाज 9 नवम्बर सेे- लब्धिनिधान तीर्थ के संयोजक मांगीलाल डोसी व मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश छाजेड ने बताया कि मुमुक्षु लोकेश गोलच्छा का मुख्य दीक्षा समारोह 15 नवम्बर को आचार्य जिनपीयूषसागर सूरीश्वर महाराज आदि ठाणा 5 की पावन निश्रा एवं मुनिराज कमलप्रभसागर महाराज आदि ठाणा 5, साध्वी सुरंजनाश्री आदि ठाणा-5, साध्वी भव्यगुणाश्री आदि ठाणा-3, साध्वी प्रगुणाश्री आदि ठाणा-3 के पावन सानिध्य में 15 नवम्बर को श्री लब्धिनिधान पाश्र्वनाथ तीर्थ, चैहटन में सम्पन्न होगा। दीक्षा के निमित 5 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके अन्तर्गत प्रथम दिवस 9 नवम्बर को प्रातः 8.36 बजे पूज्य आचार्य भगवंत व साधु-साध्वीवृंद का चैहटन नगर में अनूठा नगर प्रवेश, द्वितीय दिवस 10 नवम्बर को प्रातः 9.15 बजे पाट बिठाई तत्पश्चात् डोरा बंधन, कपड़ें रंगना एवं रात्रि में भक्ति भावना का कार्यक्रम होगा। तृतीय दिवस 11 नवम्बर को प्रातः 7.36 बजे स्नात्र महोत्सव, वैराग्यमय प्रवचन व रात्रि में भक्ति व सांस्कृति कार्यक्रम होगें।, चतुर्थ दिवस 12 नवम्बर को प्रातः 7.36 बजे सामुहिक स्नात्र महोत्सव, वैराग्यमय प्रवचन व रात्रि में 7.45 बजे ममत्व से समत्व भव्य नाटिका मंचन की वीतराग संस्कार वाटिका चैहटन द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी। पंचम दिवस 13 नवम्बर को प्रातः 9.18 बजे मालाणी क्षेत्र में सर्वप्रथम बार शक्रस्तव महाभिषेक होगा जिसमें हर्षवर्धनभाई गुरूजी मुम्बई द्वारा संवेदना व हिरनेभाई व्यास द्वारा संगीत की प्रस्तुति दी जायेगी, इसी दिन मुमुक्षु लोकेश गोलछा के जन्मदिवस के उपलक्ष में कोठारी परिवार जबलपुर द्वारा स्वधर्मी वात्सल्य का लाभ लिया गया है। सांय 4.36 बजे छाब भरना, 6.45 बजे मेंहदी वितरण, संयम सांझी व रात्रि में 8 बजे आओ करे अपनों से अपनी बात रिश्तों की महक- मातृ-पितृ वंदनावली का भव्य कार्यक्रम की प्रस्तुति साकतेभाई शाह मुम्बई व अल्पेशभाई पादरा द्वारा दी जायेगी। षष्ठम दिवस 14 नचम्बर को प्रातः 9 बजे मुमुक्ष लोकेश गोलछा का अद्भूत अलौकिक, अद्वितीय वर्षीदान रथयात्रा निकलेगी जिसमें विभिन्न झांकियां, रंगलियों, नृत्य करते कलाकार आदि आकर्षण के केन्द्र रहेगें। दोपहर 2.36 बजे पापों की पहचान…. अठारह पापस्थानक की संवेदना की प्रस्तुति साकेतभाई द्वारा दी जायेगी। रात्रि में 8 बजे मुमुक्ष लोकेश का अभिनंदन एवं संसार से संयम पथ पर जाने के लिए विदाई मार्मिक कार्यक्रम एक शाम संयम के नाम-संयम संवेदना की प्रस्तुति हर्षवदनभाई एवं संगीत पर केतनभाई कोलकाता द्वारा दी जायेगी। सप्तम दिवस 15 नवम्बर को प्रातः 8 बजे मुमुक्षु द्वारा अरिहंत परमात्मा की विशिष्ट स्नात्र पूजा, लापसी लुटाना तथा उसके पश्चात् महाभिनिष्क्रमण की यात्रा प्रारम्भ होगी एवं 8.36 बजे दीक्षा का मंगल विधान प्रारंभ होगा। 11.36 बजे तीर्थ धर्मशाला का शिलान्यास व दोपहर में 2.45 बजे दादा गुरूदेव महापूजन व शाम को 4.15 बजे नूतन दीक्षार्थी का प्रथम विहार होगा।

  • चन्द्रप्रकाश छाजेड़

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