आचार्यश्री कुशाग्र नन्दी जी का हुआ मंगल विहार, पारसविहार से पहुँचे राधानिकुंज


महातपस्वी महामना आचार्य कुशाग्र नन्दी जी गुरुवर्य का संसघ आज सहस्त्रफनी पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर से मंगल विहार राधानिकुंज मंदिर के लिए हुआ। इससे पूर्व आचार्य श्री ने पांच महीनों में चातुर्मास के अंतर्गत होने वाली कोई भी गलती के लिए पूरे संघ की तरफ से क्षमा याचना की।

कार्यक्रम में मंगलाचरण श्रीमती रतन सोगानी नें किया। पादप्रक्षालन को सौभाग्य पवनजी,सरोज प्रतीक रुचि गोदिका को मिला। इस अवसर पर आचार्य श्री नें चार महीनों की साधना के रिद्धि कलश कौशल किरण सेठी,पवन सरोज गोदिका,अशोक शान्ति अजमेरा,प्रमोद प्रिया बाकलीवाल,अनिल  आशा गोदिका,गौरव देव नगर,सतीश चित्रा अकेला,अरुण शशि बाकलीवाल,विष्णु जैन आदि को प्रदान किये।

उसके पश्चात गाजे बाजों के साथ गुरूदेव को भाव विहल होकर विदाई दी। रास्ते मे भक्तों ने पादप्रक्षालन किया ओर आरती उतारी। कार्यक्रम में राधानिकुंज के कैलाश जी छाबडा,विजय जी पांड्या, अभिषेक जैन,महिला मंडल,निकिता जैन,शिखर चंद जैन,प्रतीक गोदिका,विकास सोगानी,आदि भक्त शामिल हुए। आचार्य श्री का दो दिन प्रवास, आहार चर्या व प्रवचन राधानिकुंज में रहेगा।

— Abhishek Jain


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