500 वर्ष पुराने प्राचीन जैन मंदिर भांडाशाह का जीर्णोद्वार कार्य पूर्ण


राजस्थान के बीकानेर में पांच शताब्दी से ज्यादा एक अति प्राचीन भांडाशाह जैन मंदिर के जीर्णोद्धार एवं नवीनीकरण का कार्य पूर्ण होने को है। श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास से संबंधित इस मंदिर के प्राचीन वैभव को करीब दो वर्षो में पुन: स्थापित करते हुए जीर्णोद्धार का कार्य किया गया है। श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारीवाल ने बताया कि मंदिर पुरातत्व एवं प्राचीन धरोहर के लिए संरक्षित इस अति प्राचीन मंदिर में साध्वी शशि प्रभा के सानिध्य में चैत्यवंदन एवं स्तवन शनिवार को किया जाएगा। तल से 108 फुट ऊंचे जैन मंदिर में पांचवें तीर्थकर भगवान सुमतिनाथ जी मूल वेदी पर विराजमान हैं। इस मंदिर का निर्माण भांडाशाह जैन द्वारा बनाया गया था। इसलिए इसका नाम भांडाशाह पड़ा गया।

मंदिर निर्माण के समय इसकी नींव में शुद्ध देसी घी डलवाये जाने तथा अपनी स्थापत्य कला की वजह से मंदिर जग विख्यात है। यही कारण है कि इस मंदिर को विा्व की प्रमुख ट्रेवल एजेंसी ट्रीप एडवाइजर ने भारत के प्रसिद्ध जैनालयों में शामिल किया है। मंदिर के 500 वर्ष पूर्ण होने पर डाक विभाग द्वारा विशेष आवरण एवं विरुपण जारी किया गया था। इस मंदिर में भित्ति चित्रों को कलाकारों द्वारा पुन: चित्रित एवं रंग-रोगन आदि का कार्य प्राचीन परंपरा का अनुसार पूर्ण किया गया है। मंदिर में बने भित्ति चित्रों में सोने के लगभग 700 वर्ग लगाए गये हैं और इसके  जीर्णोद्वार पर पिछले दो वर्षो में लगभग 25 लाख रुपये खर्च किये गये हैं। मंदिर में नये ध्वज दंड की स्थापना खरतगच्छाधिपति मणिप्रमु सूरीर जी के पावन सानिध्य में होगा। सूरीर जी 3 जुलाई को चातुर्मास हेतु यहां मंगल प्रवेश करेंगे।


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