करोड़ों की जैन मूर्तियां बेचने आये चाचा-भतीजा धरे गये


उदयपुर,  डूंगरपुर नगर के रीछा गांव स्थित जैन मंदिर से एक माह पूर्व बेशकीमती मूर्तिययाों समेत अन्य सामान के चोरी होने की घटना घटित हुई थी। शहर के स्पेशल टीम ने शनिवार को बेशकीमती करोड़ों की मूर्तियां को बेचने की नीयत से घूम रहे एक शख्स को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने मूर्तियों को खरीदने के बहाने बुलाया और मूर्तियों सहित उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जिला पुलिस अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया कि नगर में नकबजनी करने वालों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान टीम के अखिलेश को पता चला कि एक युवक जैन तीर्थकर की मूर्तियां बेचने की नीयत से घूम रहा है। इसके बाद विशेष टीम गठित की गयी और आरोपी से मूर्ति खरीदने के लिए सम्पर्क किया। इसके बाद मूर्ति लेकर आया तो पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपियों को गिरफ्तार कर थाने ले आयी और तलाशी के बाद जैन मूर्तियां बरामद कर ली।

पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम साहेब पुत्र पारू कालबेलिया निवासी मणिकपुरा खैरोदा बताया। आरोपी ने बताया कि उसे यह मूर्तियां उसके चाचा लिम्बा पुत्र पारू कालबेलिया निवासी मणिकपुरा ने दी हैं। इसके बाद उसके घर पर दबिश दी गयी और दबिश के दौरान इसके घर से श्री पाश्र्वनाथ, फणीरनाथ की अन्य मूर्तियां बरामद की ली गयी। बेशकीमती प्राचीन मूर्तियों के चोरी होने के बाद समाज द्वारा काफी रोष व्यक्त किया गया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर डूंगरपुर पुलिस को सूचित कर दिया है।


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