जैन परंपरा में रम गयी, अमेरिका की छात्रा गाएला


अहमदाबाद, किसी भी धर्म के प्रति आस्था और श्रद्धा के लिए ये जरूरी नहीं कि वो उस धर्म का अनुयायी ही हो। ऐसी ही एक अमेरिकी छात्रा गाएला लेर्नड ने जैन धर्म को समझने और सीखने के लिए अहमदाबाद आयी हुई है। जैन धर्म को समझने और सीखने में वह छात्रा जैन धर्म के सिद्धातों में ऐसी रमी कि उसने जैन धर्म की परम्पराओं को अपनाना शुरू कर दिया। यहां तक कि समवत्सरी के दौरान वह अपनी स्वेच्छा से व्रत भी रखना चाहती है। न्यूयॉर्क के हेमिल्टन कॉलेज की छात्रा गाएला लेर्नड जैन धर्म को जानने और समझने के लिए भारत के अहमदाबाद आयी है।  हेमिल्टन कॉलेज की वेबसाइट के अनुसार गाएला को साल 2016-2017 के लिए थॉमस जे. वॉटसन फेलोशिप मिली है। इसके तहत उसे अपना प्रोजेक्ट पूर्ण करने के लिए 30 हजार डालर मिले हैं।

उसके प्रोजेक्ट का विषय आधुनिक महिला के लिए महनाना : मठ की महिलाएं और सामुदायिक शक्ति। गाएला ने बताया कि जैन संघ में साध्वी के साथ हुई बातचीत में जैन धर्म के बारे में कई जानकारी मिली। गाएला को महामंत्र नवकार मंत्र भी याद हो गया है। अपनी पढ़ाई के पार्ट के रूप में समवत्सरी के दौरान व्रत भी रखेगी सूरज ढ़लने के बाद भोजन नहीं करेगी। गाएला पर्यूषण पर्व की धार्मिक परम्पराओं को देखने और जानके के लिए यह काफी उत्सुक है। गाएला ने जैन सन्यासियों के पांच महाव्रत (महान प्रतिज्ञायें) और जैन संघ के बारे में भी जानकारी प्राप्त की है। गाएला अपने प्रोजेक्ट के लिए भारत के अलावा मलेशिया, थाइलैंड एवं आस्ट्रेलिया भी जाएगी।

— Rajesh P Singhvi (Special correspondent Team Jain24.com)


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