दिगम्बर संत जैनियो के ही नही जन जन के संत होते हैं – आचार्य ज्ञानभूषण


हरियाणा के फिरोजपुर झिरका में चल रहे रजतमयी वर्षायोग के अंतर्गत रविवार 24 सितंबर को परम पूज्य 21 वी सदी के वात्सल्य रत्नाकर आचार्य श्री 108 ज्ञान भूषण जी महाराज का केश लोंच समारोह भव्यता के साथ रामलीला मैदान में संपन्न हुआ।

भव्य पांडाल ,सुसज्जित मंच, जैन और जैनेत्तर महानुभावो की गरिमामयी उपस्थिति के मध्य पूज्य क्षुल्लिका ज्ञान गंगा माताजी के कुशल निर्देशन , युवा परिषद भरतपुर के जिला अध्यक्ष संजय जैन बड़जात्या कामां का संचालन , बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ , विभिन्न महिलाओ द्वारा भजनों का प्रस्तुतिकरण ,वक्ताओं का उद्धबोधन, रामलीला कमेटी , सनातन धर्म सभा ,सेवा भारती ,सैनी समाज के पदाधिकारियों की उपस्थिति ने केश लोच समारोह को भव्यता प्रदान की ।
इस अवसर पर सभी को आशिर्वाद देते हुए आचार्य श्री ने कहा कि सभी सम्प्रदायों जैसे मुस्लिम में पैगम्बर ,हिन्दू सम्प्रदाय में नागा बाबा , ईसाई में सैनुयल आदि दिगम्बर संत हुया करते हैं। नशा करने वाले शंकर का नाम लेकर पीते हैं किंतु शंकर ने तो विष भी पिया था उसे पीकर दिखाओ । कभी भी व्यसन ना करने की सीख देते हुए नशे एवम कुरीतियों का त्याग करने का दिव्य संदेश दिया । क्षुल्लिका ज्ञान गंगा माताजी ने कहा कि आज रामलीला का मंच और पवित्र हो गया जहाँ दिगम्बर आचार्य के केश लोंच सम्पन्न हुए हैं वैसे भी दिगम्बर संत जैनियो के ही नही अपितु जन जन के संत होते हैं । केशो को उखड़ते देख उपस्थित जनसमुदाय भावुक हो गया और मन ही मन दिगम्बर संतो के त्याग की प्रशंसा करने लगे ।

  • Sanjay Jain Badjatya

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