एक बार वंदे जो कोई, ता ही नर्क पशु गति नहीं होई : विशोक सागर


बादशाहपुर। वर्तमान में बीस तीर्थंकर भगवन्तों की निर्वाण भूमि श्रीसम्मेद शिखर विधान के दूसरे दिन जैन समाज के लोगों ने भक्तिभाव से पूजा अर्चना की। इस मौके पर मुनिश्री ने कहा कि प्रत्येक जैन श्रावक को कम से कम एक बार इस तीर्थ के दर्शन अवश्य करने चाहिए। उन्होंने कहा, शास्त्रों में बताया गया है कि जो भव्य प्राणी एक बार यहां के दर्शन कर लेता है, उसे नर्क व पशु गति से छुटकारा मिल जाता है।

मुनिश्री ने उपस्थित श्रावक व श्राविकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि हो सकता है कि हम अपने अशुभ कर्मों के कारण श्रीसम्मेद शिखर न जा सकें। इसलिए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लघु सम्मेद शिखर के भाव समाज के बने हैं। इस योजना को पूर्ण करने के लिए आप अपना मानस बनायें। जिससे भविष्य में लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े।

इस मौके पर जिनेन्द्र देव की भक्ति तथा गुरु दर्शन के लिए गुड़गांव से संजय जैन, राजकुमार जैन, प्रमोद जैन, नवीन जैन इत्यादि गुरुभक्त दर्शन के लिए पधारे। बादशाहपुर जैन समाज ने यथायोग्य साधर्मी वात्सल्य कर लोगों का बहुमान किया।

इस दौरान बादशाहपूर जैन समाज से मुकेश जैन, सुशील जैन, संजीव जैन, अचिन जैन, डा. औंकार जैन, राकेश जैन, नमीता जैन, अजय कुमार जैन, शैल जैन, अपर्णा जैन, रेखा जैन, उमेश जैन, अभिषेक जैन, लता जैन आदि गण्यमान्य उपस्थित थे।


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