तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ खुला अधिवेशन प्रारंभ, महावीराचार्य पुरस्कार हुआ समर्पण


जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर स्थित आचार्यश्री शांतिसागर सभागार में तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ का खुला अधिवेशन प्रारंभ हुआ, जिसका दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया अहिल्या देवी होल्कर विश्वविद्यालय की कुलपति श्रीमती डाॅ. रेनू जैन, तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय डीन डाॅ. मंजुला जैन, डाॅ. सुरेशचंद अग्रवाल-मेरठ, प्रो. राधाचरण गुप्त-झांसी, डाॅ. अनुपम जैन-इंदौर, प्रतिष्ठाचार्य विजय कुमार जैन-जम्बूद्वीप के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ ब्र. बहनों के मंगलाचरण से प्रारंभ हुआ। तत्पश्चात् कार्यक्रम की भूमिका बताते हुए डाॅ. अनुपम जी जैन-इंदौर ने बताया कि यह पुरस्कार श्रेष्ठ गणितज्ञ के लिए समर्पित है। जिन्होंने जैन गणित पर विशेष अध्ययन कर शोध लेख देश एवं विदेश में प्रस्तुत किए हैं। जैन गणित के आधार पर सम्पूर्ण विश्व में जिन्होंने अपनी पहचान बनाई है, उन शोधार्थियों के लिए यह पुरस्कार डाॅ. अनुपम जैन-इंदौर परिवार की ओर से स्थापित किया गया है। सन् 2021 का पुरस्कार प्रो. राधाचरण गुप्त जो कि जैन गणित के वरिष्ठ विद्वान् हैं एवं देश-विदेश से अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हैं। जैन गणित के प्रति जिनका काफी समर्पण है, उनको दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान द्वारा यह पुरस्कार दिया जाता है।

प्रथम पुरस्कार प्रो. राधाचरण गुप्त के करकमलों में प्रदान किया गया। जो कि कनाडा में जैन गणित विषयक आलेखों का संकलन एनसेंट जैन मैथमेटिक्स शीर्षक से प्रकाशित हुआ है एवं अन्य स्थानों पर भी आपके शोधपूर्ण लेख पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। प्रशस्ति का वाचन प्रतिष्ठाचार्य विजय कुमार जैन के द्वारा किया गया।

सन् 2022 का महावीराचार्य पुरस्कार प्रो. सुरेशचंद्र अग्रवाल-मेरठ के करमलों में समर्पित किया गया। जिन्होंने चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में रीडर प्रोफेसर, डीन आदि पदों को सुशोभित किया है। भारतीय गणित के क्षेत्र में आपने काफी कार्य किया है, जिसमें आर्यभट्ट आदि गणितज्ञों के आधार पर मूलतः जैन गणित पर अनेक शोधपत्र प्रकाशित हुए हैं। जैन गणित के क्षेत्र में अनुसंधान कार्य को विकसित करने में प्रदत्त योगदान के लिए आपको महावीराचार्य पुरस्कार संस्थान के द्वारा समर्पित किया गया। प्रशस्ति का वाचन डाॅ. जीवन प्रकाश जैन-जम्बूद्वीप के द्वारा किया गया।

दोनों पुरस्कार में शाॅल, प्रशस्ति पत्र, मोमेन्टो एवं 25000 रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाती है। आप दोनों विद्वानों ने पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी से आशीर्वाद प्राप्त कर अपने-अपने उद्गार व्यक्त किए एवं पूज्य माताजी ने दोनों विद्वानों के लिए अपना मंगल आशीर्वाद प्रेषित किया। प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी के द्वारा शास्त्र प्रदान किया गया एवं पीठाधीश रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी एवं डाॅ. अनुपम जैन ध.प. श्रीमती निशा जैन परिवार के द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान दिया गया।

इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. रेनू जैन ने अपने उद्गार व्यक्त किए एवं मुरादाबाद विश्वविद्यालय की डीन प्रो. मंजुला जी ने जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर में आना एक उपलब्धि है उनके जीवन की, इस बात को कहा। संस्थान के यशस्वी अध्यक्ष पीठाधीश स्वस्तिश्री रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी ने इस अवसर पर दोनों पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को अपना मंगल आशीर्वाद एवं यशस्वी एवं दीर्घ जीवन की मंगल कामना की।

इस क्रम में तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ के द्वारा आयोजित संगोष्ठी एवं खुला अधिवेशन का सत्र प्रारंभ किया गया, जिसमें कार्यक्रम की मुख्य भूमिका महासंघ के महामंत्री प्रतिष्ठाचार्य विजय कुमार जी जैन ने प्रस्तुत की एवं उन्होंने बताया कि अयोध्या तीर्थ एवं मंत्र साधना एक अध्ययन विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई एवं इस अवसर पर त्रैवार्षिक कार्यकारिणी के चुनाव भी प्रस्तावित है, जिसमें पदाधिकारियों का चयन किया जाना है।

इसी श्रृंखला में पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने सभी को अपना मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर शास्त्री परिषद के अध्यक्ष डाॅ. श्रेयास जी बड़ौत ने भी अपने उद्गार व्यक्त किए। सभा की कार्यवाही महासंघ के गौरव अध्यक्ष रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी की अनुमति के साथ सम्पन्न की गई। सायंकालीन सत्र में तीर्थंकर ऋषभदेव जैन विद्वत् महासंघ की एक कार्यकारिणी की मीटिंग विधिवत पं. खेमचंद जैन (वर्तमान अध्यक्ष-महासंघ) की अध्यक्षता में सम्पन्न की गई।

 

-विजय कुमार जैन, महामंत्री-महासंघ


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