मंदारगिरी में जैन तीर्थंकर वासुपूज्य तपस्थल पर कब्जे की साजिश के विरोध में विश्व जैन संगठन की आपातकाल बैठक


विश्व जैन संगठन के दिल्ली स्तिथ मुख्य कार्यालय में बिहार के प्रसिद्ध मंदारगिरि पर्वत पर स्तिथ वासुपूज्य भगवान की प्राचीन तपस्थली पर चरणों के पास और मुख्य द्वार पर लिखी गई जानकारी पर रंग लगाकर रामझरोखा लिखकर क्षेत्र की पहचान मिटाने की साजिश के विरुद्ध प्रशासन द्वारा कार्यवाही न किए जाने पर तीर्थ क्षेत्र कमेटी के सदस्य, भागलपुर और आसपास के क्षेत्रों के जैनों द्वारा कार्यवाही किए जाने का आवाहन किया गया।

संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संजय जैन ने प्राचीन जैन तीर्थो को साजिश के तहत उनका स्वरूप बदलने की साजिश के बारे में बताया कि पहाड़ों पर स्तिथ प्राचीन जैन तीर्थो पर पहले छोटे – छोटे अजैन मंदिर बनाकर उसके साथ कोई चमत्कारिक कहानी बताई जाती और फिर सरकारी पैसे से रोपवे लगाकर अन्य सुविधाएं देकर लोगो को ले जाया जा रहा ताकि वहां आसानी से कब्जा करवाया जा सके और शांतिप्रिय जैनों को हिंसा डराकर चुप कराया जाता। उदाहरण के लिए गिरनार जी, पावागढ़, मंदारगिरि, राजगिरि आदि जैन तीर्थ इसका उदाहरण है।

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी आकाश जैन ने बिहार राज्य में अल्पसंख्यक जैन समाज के प्राचीन तीर्थो के सरक्षण के लिए जैन कल्याण बोर्ड के गठन की मांग की। 17 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान से देशव्यापी जैन “तीर्थ बचाओ धर्म बचाओ” जन आंदोलन में गिरनार सहित मंदारगिरी तीर्थ व अन्य तीर्थो के लिए भी आवाज उठाई जायेगी।

सभा को जैन लाइफ के अध्यक्ष विपिन जैन और संगठन के सहकोषाध्यक्ष मयंक जैन, प्रचार मंत्री प्रदीप जैन और पदाधिकारियों ने संबोधित किया और एकमत से दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की।

—आकाश जैन


Comments

comments