जैन आचार्य, मुनियों तथा आर्यिकाओं के विशाल संघ के आगमन से भक्तिमय हुई राजगृह की पावन धरती


राजगृह (नालन्दा/बिहार)। गणाचार्य श्री 108 विराग सागर महाराज के शिष्य परम् वंदनीय, युग श्रेष्ठ संत, जीवन है पानी की बूंद महाकाव्य के मूल रचयिता, विमर्शलिपि के सृजेता, राष्ट्रायोगी भावलिंगी संत, श्रवणाचार्य श्री 108 विमर्श सागर जी महामुनिराज तथा आचार्य सन्मति सागर जी महाराज के परम् शिष्य मुनि श्री 108 सुवल सागर जी महाराज ससंघ का नालन्दा की पावन धरती श्री राजगृह जी सिद्ध क्षेत्र पर आगमन से भक्तिमय हुई।

राजगृह की पावन धरती पर 2 जैन सन्तों का महामिलन

15 फरवरी को जैन संतो का महामिलन देखकर श्रावक का मन आह्लादित हो उठा । प्रभात की बेला में तपस्वी सम्राट आचार्य श्री सन्मति सागर जी के सुशिष्य आचार्य श्री सुवल सागर जी ससंघ (5 मुनिराज) का राजगृह क्षेत्र पर पदार्पण हुआ । क्षेत्र के जिनालय में  पूर्व से विराजित परम पूज्य गणाचार्य श्री 108 विराग सागर महाराज जी महामुनिराज के अग्रणीय शिष्य महान दिगम्बर जैनाचार्य श्री विमर्श सागर जी महामुनिराज ससंघ (11 मुनिराज, 14 आर्यिका माता जी, 1 क्षुल्लक तथा 1 ऐलक) ने आगन्तुक साधुओं की भव्य अगवानी की। राजगीर की धरती पर दोनों संतो का महामिलन एक साथ  देखना यहाँ के लोगों का एक अद्भुत क्षण रहा। दोनों आचार्यों के साथ लगभग 3 दशक साधुओं ने वैभारगिरी पर्वत पर जाकर महामांगलिक भगवान महावीर स्वामी की वंदना की ।

आचार्य संघ द्वारा धर्मशाला मंदिर, लालमन्दिर, गर्भगृह, वीरशासन धाम तीर्थ, सरस्वती भवन, भगवान महावीर दीक्षा स्थली का क्रमवार दर्शन किया।

धर्मप्रभावना हेतु पंचतीर्थ यात्रा पर निकला ये संघ सम्मेदशिखर जी (झारखण्ड) से पद विहार करते हए क्रमशः मंदारगीर (बांका), मलयागिरि (जमुई), गुणावां जी, भगवान महावीर की निर्वाण स्थली पावापुरी तथा जन्मभूमि कुण्डलपुर के रास्ते होते हुए राजगीर पहुँची है।

आहारचर्या के बाद संघ ने की पर्वत वंदना…

जैन संतों तथा साध्वियों के आगमन के पश्चात क्षेत्र पर स्थित सरस्वती भवन तथा धर्मशाला मंदिर में आहारचर्या हुई । तत्पश्चात पर्वत वंदना हेतु आचार्य, मुनिराज एवं आर्यिका माता जी संघ पूर्ववत निर्धारित समय में निकल गए। जहाँ उन्होंने वैभारगिरी पर्वत की चोटी स्थित जिनमंदिर के दर्शन किये।

▪ 3 दिन पूर्व से भी विराजमान है सिद्ध क्षेत्र पर आचार्य श्री 108 अनेकांत सागर जी ससंघ (9 मुनिराज)  :-

विदित हो कि 12/02/2020 दिन बुधवार को बीसवीं शदी के प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवर्ती 108 श्री शांतिसागर जी महाराज के अक्षुण्ण परम्परा के सप्तम पट्टाचार्य चारित्र शिरोमणि 108 अनेकांत सागर जी महाराज का भी श्री राजगृह जी सिद्ध क्षेत्र पर अपने 9 मुनिराजों के साथ विराजमान है।

▪ श्री राजगृह जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र पर विराजित आचार्यो की सूची :-

▪ आचार्य श्री 108 अनेकांत सागर जी ससंघ

▪ आचार्य श्री 108 विमर्श सागर जी ससंघ

▪ आचार्य श्री 108 सुवल सागर जी ससंघ

 

—  रवि कुमार जैन – राजगीर


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