हथकरघा साड़ियां होंगी विदेशों के लिए निर्यात – सागर सेंटर जेल

हथकरघा साड़ियां होंगी विदेशों के लिए निर्यात - सागर सेंटर जेल

दमोह. आचार्य विद्यासागर महाराज स्वदेशी वस्तुओं के निर्माण के लिए जनसमुदाय को प्रेरित कर रहे हैं, उनकी प्रेरणा से जैन तीर्थों में हथकरघा साड़ियां एवं वस्त्रों का निर्माण चल रहा है। अब उनका यह आंदोलन जेल में बंदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी पहुंच गया है। जिसकी शुरुआत सागर सेंटर जेल से शुरु हो गई। इसके अलावा जेल विभाग ने शनिवार को बटियागढ़ में आचार्यश्री के समक्ष एक मसौदे पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें प्रदेश के 13 सेंटर जेलों में हथकरघा केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

आचार्य विद्यासागर महाराज का इस समय विहार चल रहा है, जिले की सीमा के अंतिम गांव बटियागढ़ में आचार्यश्री व जेल अधिकारियों का समागम हुआ। आचार्यश्री की प्रेरणा से ही सागर सेंट्रल जेल में अनेक बंदियों द्वारा हथकरघा प्रशिक्षण व हथकरघा साड़ियां के निर्माण की इकाई की शुरुआत की गई है। सागर सेंट्रल जेल के बंदियों द्वारा हथकरघा से बनाई गईं साडिय़ां व लकड़ी का भव्य सिंहासन तैयार किय गया था। जिसे बटियागढ़ लेकर पहुंचे। निर्मित की गईं साडिय़ों के नमूने भी दिखाए गए।

इस दौरान मप्र जेल विभाग डीआईजी गोपाल ताम्रकार, जेल अधीक्षक सागर राकेश भांगरे, जेल अधीक्षक उज्जैन अलका सोनकर, जेल अधीक्षक इंदौर अदिति तिवारी, जेल अधीक्षक नरसिंहपुर शेफाली तिवारी, जिला जेल अधीक्षक दमोह एनएस राणा की टीम व ब्रह्मचारिणी रेखा दीदी डीएसपी जेल व डॉ. नीलम दीदी शिशु रोग विशेषज्ञ व डॉ. अमित जैन, राजा भैया, मनोज सिलवानी गुड़ वाले, एडीजे अरविंद जैन, पूर्व डीएसपी विनोद श्रीवास्तव, श्रेयांश सेठ व कारर्पोरेट एक्सपोर्ट व्यापारी ऋषभ जैन मिर्जापुर की मौजूदगी रही।

जेल विभाग की टीम ने सर्वप्रथम सागर जेल में बंदियों द्वारा बनाया गया सिंहासन आचार्यश्री को भेंट किया। इसके बाद डीआईजी गोपाल ताम्रकार ने सागर जेल के बंदियों द्वारा लगातार हाथकरघा से बनाई हथकरघा साड़ियां को दिखाया। उन्होंने बताया कि 1 मई से सागर जेल में ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल व इंदौर जेल से भेजे जा रहे पांच-पांच कैदियों को सागर जेल में रेखा दीदी डीएसपी द्वारा हथकरघा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण तीन माह के लिए रहेगा जानकारी दी। मिर्जापुर से आए हुए कारर्पोरेट एक्सपोर्ट व्यापारी ऋषभ जैन ने आचार्यश्री को शुद्ध अहिंसक कारपेट, कॉलीन दरी दिखलाए।

हथकरघा साड़ियां

उन्होंने मध्य प्रदेश जेल की 13 सेंट्रल जेलों में बंदियों को सिखाने के लिए रॉ मटेरियल और उपकरण दान में देने की बात कही। जेल विभाग के अधिकारियों और रेखा दीदी द्वारा आश्वासन दिया कि 6 माह के अंदर बंदियों को दरी, कालीन शटल, लूम, जाकार्ड लूम के द्वारा बनाना सिखाया जाएगा। एक्सपोर्ट क्वालिटी का माल बनाना जब बंदी सीख जाएंगे तो सारा माल ऋषभ जैन के द्वारा विदेशों में एक्सपोर्ट किया जाएगा। इस प्रकार का अनुबंध आचार्यश्री के जेल विभाग द्वारा किया गया। आगामी समय में सागर जेल व अन्य केंद्रीय जेलों में 108 हाथकरघा लगने और इन हथकरघा के लिए टीन शेड लगाने का प्रावधान किया गया है।

आचार्यश्री विद्यासागर महाराज ने सभी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हाथकरघा में और कालीन दरी के व्यवसाय में क्वलिटी मेंटेन करना है। ताकि विदेशों तक माल जा सके। जेल अधिकारियों को बहुत गंभीरता के साथ करीब 3 घंटे का समय दिया।

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