मथुरा। जम्बूस्वामी जैन मन्दिर में 1008 भगवान जम्बूस्वामी महामस्तकाभिषेक कार्यक्रम के दौरान जैन धर्मावलम्बियों का सैलाब और आस्था देखते ही बनती थी। सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था और देखते-देखते सिद्धक्षेत्र परिसर में अपार जननसमूह द्वारा भगवान जम्बूस्वाभी की जय-जयकार गूंजनी शुरू हो गयी। कार्यक्रम 07 मार्च तक चलेगा। कार्यक्रम की शुरूआत विशाल घटयात्रा से प्रारम्भ की गयी। प्रात: 09.00 बजे से घटयात्रा शुरू होकर सिद्धक्षेत्र के चारों तरफ घूमी। तत्पश्चात सिद्धक्षेत्र की भूमि शुद्धि की गयी। दोपहर में मुनि श्री विहसंतसागर और मुनि श्री विजयेश सागर जी का चतुर्थ मुनि दीक्षा जयंती समारोह का मंगलाचरण हुआ। इस अवसर पर मुनि श्री विहर्ष सागर जी महाराज ने कहा कि हमारे दो हाथ हैं। अगर 50 लोगों से लड़ने के लिए खड़े होगे तो कभी नहीं जीत पाओगे किंतु यही हाथ जब आपस में विनम्रता से जुड़ जाएंगे तो हजार व्यक्तियों के समूह से भी आप आसानी से जीत जाओगे। इसलिए अपने जीवन में विनम्रता को आत्मसात करना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सिने स्टार गजेंद्र चौहान (महाभारत में युधिष्ठर की भूमिका निभाने वाले) ने मुनि श्री का वर्णन करते हुए कहा कि भारत की संस्कृति संतों के कारण ही पल्लवित है। भारतीय संस्कृति सिखाती है कि चाहे देश का राजा भी क्यों न हो, वह भी अपने राज्य में बैठने वाले संत के चरणों की वंदना करके ही सिंहासन पर बैठता है। मुनिश्री विजयेश सागर जी और मुनिश्री विहसंतसागर जी ने अपने चतुर्थ दीक्षा जयंती समारोह के अवसर पर गुरू के प्रति समर्पर भाव रखते हुए कहा कि महाराज आपने जो मुनि पद दिया है, मुझे मोझ मार्ग की प्रथम सीढ़ी पर लाए हैं। मेरी भावना है कि मेरा भारत महान बने। देश का बच्चा-बच्चा भगवान महावीर बने। ग्वालियर से आये विधायक नारायण कुशवाहा ने कहा कि जीवन में सुख-दुख दोनों समान रूप से हैं। इसलिए हर स्थिति में पूरी ईमानदारी के साथ कार्य करने वाला ही सफल होता है। सोमवार सुबह 08.00 बजे भगवान जम्बूस्वामी का 11000 कलशों से महामस्तकाभिषेक होगा। कार्यक्रम में स्वागताध्यक्ष मुकेश जैन, ध्वजारोहणकर्ता संजय जैन, मंच उद्घाटनकर्ता सचिन जैन, चित्र अनावरणकर्ता लता जैन, पाद-पक्षालनकर्ता ओमप्रकाश जैन , मदनलाल बैनाड़ा, शिखर चंद्र सिंघई आदि का विशेष सहयोग कार्यक्रम के दौरान रहा।
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जैन मुनि श्री महित सागर जी महाराज की हुई संलेखना पूर्वक समाधि
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