जैन तीर्थंकर चन्द्रप्रभु और पार्श्वनाथ भगवान के जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव धर्मनगरी आरा (बिहार) में धूमधाम के साथ मनाया गया।


आरा (बिहार) : धर्मनगरी आरा स्थित श्री 1008 अतिशयकारी चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर में रविवार को जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर श्री चन्द्रप्रभु और 23 वें तीर्थंकर श्री पार्श्वनाथ भगवान के जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। पौष कृष्ण एकादशी के पावन अवसर पर जैन संत वायोवृद्ध आचार्य श्री 108 विपुल सागर जी महाराज , आचार्य श्री भद्रबाहु सागर जी महाराज , मुनि श्री भरतेश सागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में जैन श्रद्धालुओं ने प्रभु के कल्याणक उत्सव पर विशेष पूजन-अर्चना किया।

अनुष्ठाचार्य कपिल भैया इंदौर के निर्देशन में आयोजित भव्य महोत्सव में भगवान पार्श्वनाथ वेदी पर स्थायी अखण्ड ज्योति की स्थापना की गई। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः मंगलाचरण , स्तुति पाठ , जिनेन्द्र प्रभु का पंचामृत अभिषेक , शांतिधारा से हुई। इसके पश्चात महाआरती , श्री चन्द्रप्रभु विधान , श्री पार्श्वनाथ विधान , आचार्य श्री का मंगल प्रवचन का आयोजन हुआ।

इस दौरान जैन श्रद्धालुओं ने भक्तिमय वातावरण में श्रद्धापूर्वक भगवान के समक्ष अर्घ्य समर्पित कर मंगल कामना की। मालूम हो कि दिगम्बर जैन मंदिर में शीतकालीन वाचना में विराजमान जैन साधुओं से मंदिर का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। इस अवसर शील जैन , रेणु जैन, मिथलेश कुमार जैन, रीना जैन, अतुल चंद्र जैन , प्रीति जैन , शैलेश कुमार जैन , सुलोचना दीदी , शरण्य जैन सहित काफी संख्या में जैन श्रद्धालुगण शामिल हए।

 

— प्रवीण जैन (पटना)


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