लाखों का पैकेज और करोड़ों का व्यापार छोड़कर पांच युवा बन गए दिगम्बर जैन मुनि


अध्यात्म की शक्ति का ही प्रभाव है कि 40 लाख का सालाना पैकेज और करोड़ों का व्यापार भी रास नहीं आया। इन्होने सादा जीवन उच्च विचार की राह अपना ली। जैन समाज के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थली पार्श्वनाथ सम्मेद शिखर मधुबन के दिगंबर जैन तेरहपंथी कोठी में रविवार को भव्य जैनेश्वरी दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का आयोजन बंगाल, बिहार और ओडिशा दिगंबर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी ने किया, जिसमें राज्यों के करीब 5 हजार से अधिक जैन भक्तों ने हिस्सा लिया। जैन समाज के सबसे बड़े मुनि और उपासक आचार्य विशुद्ध सागर जी समेत कई पुरुष और महिला जैन मुनियों के सान्निध्य में इस भव्य दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया।

इनमें दिल्ली के रहने वाले 28 वर्षीय IITan अविरल भैया, मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के ब्रजपुर निवासी हीरा व्यवसायी 46 वर्षीय ब्रजेश भैया, इंदौर निवासी सरकारी ऑफिसर के पुत्र 19 वर्षीय स्वागत भैया, भोपाल निवासी 36 वर्षीय संजय और मध्य प्रदेश के ही भिंड निवासी 25 वर्षीय स्नातक अंकुश शामिल हैं।।

जहां इनके माता पिता ने जैन मुनि विशुद्ध सागर जी को श्रीफल भेंट कर अपने अपने बेटों को दीक्षा देने की अपील की। इस दौरान मुनिश्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा की सिर्फ दीक्षा लेना ही काफी नहीं, बल्कि विश्व को शांति का मार्ग दिखाना भी मुनियों का कर्तव्य है।


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