Home Jain News महावीर या महाविनाशः मुनि तरुण सागर

महावीर या महाविनाशः मुनि तरुण सागर

0
महावीर या महाविनाशः मुनि तरुण सागर

24 फुट उतुंग भगवान महावीर के प्रतिविम्ब के समक्ष 10 हजार श्रृद्धालुओं द्वारा महाआरती
दिल्लीः 9 अप्रैल 2017 क्रांतिकारी राष्ट्रीयसंत मुनिश्री तरुणसागरजी का मानना है कि समय और परिस्थितियों ने आज मनुष्य को ऐसी जगह खड़ा कर दिया है जहां सिर्फ दो विकल्प है-महावीर को चुनें या महाविनाश को। महावीर नहीं चुन पाये तो महाविनाश तय है। यह निर्णय आज की दुनिया को करना है। महावीर अर्थात् अहिंसक शक्तियां जो जिओ और जीने दो पर विश्वास करतीं हैं। यद्यपि हिंसा बुरी है, लेकिन आतंकवादी हिंसा सबसे बुरी है। क्योंकि आतंकवादी सर्प की तरह डसना नहीं है, वह अजगर की तरह निगल जाता है। वह कुत्ते की तरह भौंककर सावधान नहीं करता, बल्कि भेड़िए की तरह चुपचाप ले जाता है। वह शेर की तरह दहाड़ मारकर वार नहीं करता, बल्कि चीते की तरह झपट्टा मरता है। आतंकवादी चोर की तरह चोरी नहीं करता, बल्कि डाकू की तरह दिन दहाड़े जिन्दगियों पर डाका डालता है।

प्रतिविम्ब 24 फिट ही क्यों?
दिल्ली में महावीर जयंति पर्व पर सीवीडी ग्राउण्ड में इस कार्यक्रम में जो महावीर भगवान का प्रतिम्बि 24 फिट का बनाया गया इसकी वजह बताते हुए ब्रम्हचारी सतीश भैया ने बताया कि जैन धर्म के 24 वें तीर्थकर हैं महावीर स्वामी इसलिए 24 फिट का प्रविम्ब कार्यकर्ताओं द्वारा तैयार किया गया और भगवान महावीर के चरणों में अपनी व तमाम श्रृद्धालुओं की श्रृद्धा समर्पित की गई।

अत्यंत आकर्षण वाला 24 फिट भगवान महावीर के प्रतिविम्ब का निर्माण कैसे किया ?
यह प्रतिविम्ब 10 सदस्यीय टीम द्वारा, 24 घंटे में तैयार किया गया है। इसे बनाने में 448 स्कवायर फिट विनायल पेपर, 448 स्कवायर फिट सनवोर्ड पेपर, 10 लीटर बोण्ड (फेवीकोल), 98 लीटर कलर, 198 किलो लोहा। सामाग्री से तैयार प्रतिविम्ब। यह सब सीबीडी ग्राउण्ड कड़कड़डूमा कोर्ट शाहदा दिल्ली मं तैयार किया गया है क्योंकि इनता बड़ा यह प्रतिविम्ब तैयार कराके लाना संभव नहीं था।
कड़वे-प्रवचनों के लिए मषहूर क्रांतिकारी राश्ट्रसंत मुनिश्री तरुणसागरजी ने कहा कि लगता है अब उत्तर प्रदेष में राम राज्य आ रहा है क्योंकि उत्तर प्रदेष अब उत्तम प्रदेश बनने की ओर है। योगी सरकार ने अवैध बूचड़खाने बंद कर एक बहुत अच्छा कदम उठाया है। अन्य राज्यों की सरकारें भी इससे प्रेरणा ले। जो अवैध बूचड़खानों के बंद होने पर  सवाल उठा रहे हैं और लोगों के बेरोजगार होने की बात कर रहे हैं मैं इस संबंध में कहना चाहूंगा कि बूचड़खानों की जगह गौषालाएं बनाई जाना चाहिए और बेरोजगार लोगों  को रोजगार दिया जाना चाहिए। उक्त बात जैन्मुनि ने ऋषभ विहार दिल्ली में कही।
जैन मुनि तरुणसागरजी ने राजस्थान के बहरोड में हुई हिंसा के संबंध में कहा गौ-भक्ति के नाम पर हिंसा गलत है। गौ-भक्ति का लाइसेंस लेकर कुछ लोग कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं। यह अनुचित है। मुनिश्री ने हरियाणा सरकार द्वारा भगवान महावीर-जयंति पर राज्य में बूचड़खानों और मांस बिक्री की दुकानों को बंद रखने का आदेश जारी कर एक सराहनीय कार्य किया है। इसके लिए खट्टर सरकार साधुवाद की पात्र है।


Comments

comments