धर्म जोड़ने का काम करता है, तोड़ने का नहीं: आचार्य ज्ञानसागर जी


कोटा। घृणा द्वेष को मिटाकर सामंजस्य का झरना बहाने का कार्य होली करती है। धर्म जोड़ने का काम करता है, तोड़ने का नहीं। धर्म द्वार है दीवार नहीं। धर्म सुई का काम करता है कैंची का नहीं। महिला ही महिला के लिए खड़ी होने लगे तो महिला उत्पीड़ऩ ही न हो। यह बात महावीर दिगंबर जैन मंदिर तलवंडी में आयोजित अष्टान्हिका पर्व पर आचार्य ज्ञानसागर महाराज ने प्रवचन में कही। तरुण भैया द्वारा मंत्रोच्चारण के साथ सामूहिक शांतिधारा, मंगलाष्टक, दिग्बंध, अभिषेक व नित्य पूजा कराई।

सिद्धचक्र महामंडल विधान व विश्व कल्याण कामना महायज्ञ के छठे दिन 512 अध्र्य दिए। शाम को पुण्यार्जक परिवार तथा तलवंडी जैन समाज द्वारा महाआरती की। विधायक संदीप शर्मा ने महाराज को श्रीफल चढ़ाकर आशीर्वाद लिया। आचार्य ज्ञानसागर का पाद प्रक्षालन, शास्त्र भेंट किया। भक्तगण णमोकार महामंत्र का जाप, भक्तामर स्तोत्र का पाठ और भजन संध्या पर झूमते रहे। तरूण भैया ने भजन, मंत्रों पर श्रद्धालु दोनों हाथ उठाकर मुनिसंघ के जयकारे लगाने लगे। शाम को महिला सीए को संबोधित करते हुए कहा कि घर का हिसाब यदि महिला के हाथ में होता है तो समृद्धि आती है। महिला सीए भी धन का हिसाब रखते हुए धर्म की प्रभावना बढ़ाने के लिए कार्य करें।

 

— अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी


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