डूंगरपुर के सागवाड़ा नगर में रविवार सायं 105 वर्षीय मुनि सुदृढ़सागर महाराज का समाधिमरण हो गया। रविवार सायं मुनि सुदृढ़सागर महाराज आचार्य सुनील सागर के प्रवचन सुनते-सुनते सचेत अवस्था में उनका समाधिमरण हुआ। मुनि सुदृढ़सागर ने सात प्रतिमा व्रत की पदवी आचार्य विमलसागर महाराज से शिखर जी में ग्रहण की थी। पचास वर्ष के व्रत पालन को सार्थक करते हुए देह को समताभाव से गुरू के चरणों में त्यागना गुरू भक्ति की प्रबल प्रभावना को साबित करता है। मुनि ने आचार्य से गत मंगलवार जैन बोर्डिग के वात्सल्य सभागार में क्षुल्लक दीक्षा ली थी। रविवार को आचार्य से आग्रह कर मुनि दीक्षा ग्रहण की। मुनि सुभद्रसागर ने उम्र के अंतिम पड़ाव में जैनेरी दीक्षा के साथ ही आचार्य की निश्रा में समाधि मरण की पवित्र भावना रखी थी।
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