वर्ष 2019 में आज 2 अगस्त के दिन श्री सम्मेद शिखर जी ‘पारसनाथ हिल’ को झारखण्ड सरकार की अनुसंशा
पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा बिना जैन समाज की सहमति लिए वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग घोषित कर इको सेंसिटिव जोन में पर्यावरण पर्यटन की अनुमति देने हेतु जारी गजट को जारी होने के दिवस आज 2 अगस्त 2022 को “काला दिवस” के रूप में मनाते हुए विरोध करते है और तब तक करते रहेंगे जब तक यह रद्द या संशोधन नहीं होता!
झारखण्ड सरकार द्वारा पारसनाथ पर्वत को धार्मिक पर्यटन के रुप में विकसित करने के लिए निवेशकों को आमंत्रित करने का भी विरोध करते है।
दिगंबर जैन समाज सामाजिक सांसद के मंत्री डां जैनेन्द्र जैन ने कहा की हमे हमारा सर्वोच्च तीर्थ अनादिकाल से जैसा प्राकृतिक रूप पावन पवित्र मूल स्वरूप में है, वैसा ही चाहिए।
सम्पूर्ण पर्वतराज व मधुबन को धार्मिक पर्यटन या पर्यावरण पर्यटन स्थल नहीं अपितु पवित्र “जैन तीर्थस्थल” घोषित करो।