पारसनाथ। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के चौथे स्टेज के बाद स्टेज पांच में राज्य सरकार पर जिम्मेदारी डाल देने के बाद से झारखंड सरकार द्वारा कंटेनमेंट जोन के हिसाब से दी जाने वाली गाइड लाइन के अनुसार पारसनाथ-मधुबन जो कि ग्रीन जोन में काफी समय रही। प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के पश्चात पीरटांड़ प्रखंड में एक बार कोरोना के कुछ पॉजिटिव मरीज पाए जाने के बाद क्षेत्र में दहशत जरूर फैली थी परंतु वर्तमान में स्थिति सामान्य है। इसी के बाद से राज्य सरकार के गाइड लाइन के अनुसार पारसनाथ-मधुबन जहां लॉकडाउन के समय से मंदिरों में आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध था। दुकानें पूर्णरूपेण बन्द थीं। कुछ खाद्य सामग्री की दुकान को छोड़ कर सभी लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए दुकानदार अपनी-अपनी दुकानें महीनों से बन्द रखे हुए थे।
लॉकडाउन के पांचवां स्टेज में मिली कुछ छुट के बाद से बन्द पड़े दुकान अब खुलने लगे हैं। वहीं मंदिर में चहलकदमी भी जारी हो चुकी है। मंदिर के प्रांगण में पूजा, सेवा भक्ति, आरती का आयोजन सोशल डिस्टेन्स के नियमों को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी। 26 जुलाई को भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक दिवस के अवसर पर आने वाले तीर्थ यात्रियों को लेकर स्थानीय लोगों में संशय बना था। लेकिन जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का मोक्ष कल्याणक दिवस है। पारसनाथ-मधुबन जो भगवान पार्श्वनाथ की मोक्षनगरी है ऐसे में इस मोक्ष दिवस को जैन समुदाय के लोग बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। भगवान पार्श्वनाथ के इस मोक्ष दिवस को मोक्ष सप्तमी के नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर देश के विभिन्न प्रान्तों से हजारों की संख्या में जैन श्रद्धालु मधुबन आते हैं।
मधुबन जो एक विश्व विख्यात तीर्थ स्थल है जहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में जैन तीर्थ यात्री आते हैं। इस क्षेत्र में निवास करने वालों के लिए आय का मुख्य स्रोत ही तीर्थ यात्री हैं। आने वाले तीर्थ यात्रियों से ही यहां के स्थानीय लोगों समेत उनके परिवार का भरण-पोषण संभव है। आगामी 26 जुलाई को मोक्ष सप्तमी पर आने वाले जैन तीर्थ यात्रियों को लेकर स्थानीय लोगों के जेहन में संशय की स्थिति बनी हुई है वो इसलिए कि मोक्ष सप्तमी के अवसर पर ज्यादातर तीर्थ यात्री देश की राजधानी दिल्ली से आते हैं जहां वर्तमान में कोरोना का संक्रमण कहर बरपा रही है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राज्य सरकार दिल्ली से आने वाले तीर्थ यात्रियों को मधुबन- पारसनाथ आने की अनुमति देगी या नहीं।
अब दुकानदार व स्थानीय लोगों के सामने बहुत बड़ी संकट की स्थिति है। दिल्ली से तीर्थ यात्री आते हैं तो कोरोना के संक्रमण का भय लोगों में है और यदि नहीं आते हैं तो साल का पहला सीजन हाथ से निकल जा रहा है। दुकानों में पूंजी खपाने से घबरा रहे हैं। तीर्थ यात्री नहीं आए तो पूंजी डूब जाएगी और यदि आए तो कोरोना के संक्रमण की वजह से खुल कर दुकानदार भी बेखौफ होकर दुकानदारी नहीं कर पाएंगे और यात्री भी शॉपिंग नहीं करेंगे। इस पर जिला प्रशासन मधुबन पारसनाथ के लोगों को कुछ गाइड लाइन दे जिससे स्थानीय लोगों के मन का संशय दूर हो।
— अभिषेक जैन लूहाडीया रामगंजमंडी