Home Jain News सिद्धचक्र महामंडल विधान में सिद्धों का गुणानुवाद कर 32 अर्घ समर्पित किये गये

सिद्धचक्र महामंडल विधान में सिद्धों का गुणानुवाद कर 32 अर्घ समर्पित किये गये

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सिद्धचक्र महामंडल विधान में सिद्धों का गुणानुवाद कर 32 अर्घ समर्पित किये गये

मैनपुरी जिले के कुरावली तहलीस के जीटी रोड स्थित जैन भवन में आठदिवसीय महामंडल विधान का आयोजन किया जा रहा है। महामंडल विधान के तीसरे दिन सिद्धों की पूजा-अर्चना पूरी भक्ति भाव के साथ की गई साथ ही बत्तीस अर्ध समर्पित किये गये, जिसमें समाज के लोगों ने बोलियों के तौर पर दान देकर सबसे पहले अर्घ समर्पित करने की होड़ लगी रही। सांगेनोर से पधारे शास्त्री संजय जी के तत्वाधान में सभी भक्तगणों ने पूरी भक्ति भावना के साथ श्रीजी का गुणानुवाद किया।

जयपुर से पधारी नवीन जैन म्यूजिकल ग्रुप द्वारा संगीतमय पूजा-पाठ सम्पन्न कराया गया। तत्पश्चात सिद्ध प्रभु का गुणानुवाद किया गया, जिसमें आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष प्रवीन जैन ने बताया कि जब राजा श्रीपाल कुष्ट रोग से ग्रसित हुए थे। तब उनकी रानी मैना सुंदरी ने सिद्धक्षेत्रों एवं अन्य जैनतीर्था की वंदना की, जिसके बाद उन्होंने यही सिद्धचक्र महामंडल विधान आयोजित किया था। जिसके पुण्योदय से राजा श्रीपाल का कुष्ठरोग दूर हो गया था।

उन्होंने कहा कि इसी उददेश्य की पूर्ति हेतु समस्य जैन समाज एवं नगरवासियों के लिए यह महामंडल विधान हितकर होगा। इस मौके पर अनुराज, जौली, सुनील, जखिनयां, सुदीप, बब्बन, राजेश, अजि प्रकाश, नवनीत प्रकाश, अजय, उमेश, दिनेश चंद्र, रमेश चंद्र, पिंकी, निशांक, नीलेश, संजयकांत, मोनू, अखिल, बोन्टी आदि सहित भारी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद थे।


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