Home Jain News जैन पत्रकार महासंघ के मांग पत्र पर प्रभावी कार्रवाई करने हेतु मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को ज्ञापन सौंपा

जैन पत्रकार महासंघ के मांग पत्र पर प्रभावी कार्रवाई करने हेतु मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को ज्ञापन सौंपा

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जयपुर 18 अक्टूबर। जैन पत्रकार महासंघ (रजि) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश जैन तिजारिया ने पत्रकारों के हितों के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार जयपुर को पत्रकार महासंघ के पांच सूत्रीय मांग पत्र पर प्रभावी कार्रवाई करने के संबंध में ज्ञापन प्रेषित किया।

महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री उदयभान जैन ने अवगत कराया की पत्रकारों की निम्न नीतिगत एवं वाजिब मांगों के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय से ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया कि उक्त मांगें यथाशीघ्र पत्रकारों के हितों को ध्यान में रखते हुए मंजूर की जायें —

1- राजस्थान प्रेस प्रतिनिधि अस्वीकरण नियम 1995 के नियम 5 (9) के अनुसार मासिक पत्र-पत्रिकाओं के व्यापक स्वरूप को देखते हुए जिन पत्र- पत्रकाओं ने 10 वर्ष से अधिक का समय पूर्ण कर लिया है उनको एवं उनके प्रकाशक, संपादक ,पत्रकार व संवाददाताओं को उक्त नियम के अनुसार अधिस्वीकृत पत्रकार घोषित कर उन्हें राज्य सरकार द्वारा जारी समस्त लाभ दिए जाएं।

2- राजस्थान के सभी अच्छे पत्रकारों को वर्ष 2013 में उनके कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा लैपटॉप दिए गए थे 2013 के पश्चात जो पत्रकार अधिस्वीकरण के पात्र बने हैं उनको भी एवं बिन्दु एक को शामिल करते हुए अधिस्वीकृत घोषित पत्रकारों को लैपटॉप उपलब्ध कराया जाए।

3- वर्तमान में अधिस्वीकृत पत्रकारों को राजस्थान रोडवेज से यात्रा करने की निशुल्क व्यवस्था है इस संबंध में निवेदन है कि उनके एक सहयोगी जीवन साथी अथवा सहायक के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए इस संबंध में यह भी अनुरोध है कि जिन पत्र-पत्रकाओं ने 10 वर्ष से अधिक का समय पूर्ण कर लिया है उनके प्रकाशक ,संपादक, पत्रकार एवं संपादकों को व उनके एक सहयोगी जीवन साथी अथवा सहायक के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए।

4- राजस्थान सरकार द्वारा समस्त जन कल्याण योजनाओं की जानकारी जैन पत्रकार महासंघ को भी दी जाए ताकि इन योजनाओं का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जा सके।

5- साप्ताहिक , पाक्षिक पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापन की संख्या बढाई जाय व टेण्डर आदि के विज्ञापन रोस्टर प्रणाली से प्रकाशित करने की अनुमति प्रदान की जाए।उक्त सुविधा मासिक पत्र-पत्रिकाओं को भी उपलब्ध कराई जाए।

— उदयभान जैन


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