जैन धर्म के सिद्धांतों की पूरे विश्व को जरूरत: जैनाचार्य हेमचंद्रसागर


इंदौर. परमात्मा ने हमें मनुष्य के रूप में जन्म देकर दुर्लभ उपहार दिया है। आज के संदर्भ में पूरे विश्व को जैन धर्म के सिद्धांतों पर अमल करने की जरूरत है। महापुरुषों के सान्निध्य में बिताए क्षण हमारे लिए भविष्य की धरोहर बन सकते हैं।

जैनाचार्य हेमचंद्रसागर ने शुक्रवार को जैन श्वेतांबर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट एवं श्रीसंघ के तत्वावधान में रेसकोर्स रोड स्थित नवकार आगमोद्धारक वाटिका में चल रहे सिद्धाचल तप के साधकों को संबोधित किया। सिद्धाचल तप की महत्ता बताते हुए गणिवर्य विरागचंद्रसागर ने कहा कि अंधकार की सत्ता को हटाने के लिए रोशनी की एक किरण ही पर्याप्त रहती है। तप और साधना में इतनी शक्ति है कि इससे सारी दुनिया प्रकाशित हो सकती है। मुनि आनंदचंद्र सागर एवं साध्वी भगवंत भी इस मौके पर उपस्थित थीं।

सिद्धाचल तप के साथ ही शनिवार दोपहर 1.45 बजे से महिलाओं के लिए विशेष शिविर साध्वी मुक्तिप्रियाश्री एवं साध्वी शीलरेखाश्री की निश्रा में होगा। रविवार सुबह 9 से 11.30 बजे तक सिद्धाचल महातीर्थ की भावयात्रा नवकार वाटिका में होगी। इसी समय नूतन उपाश्रय में बच्चों के लिए भी विशेष शिविर होगा। रविवार को युवाओं के लिए दोपहर 3 से 5 बजे तक यूथ सेमिनार का आयोजन रखा गया है। इस बार सिम्प्लिसिटी इज क्रिएटेड ब्रांड विषय पर युवाओं का मार्गदर्शन आचार्य हेमचंद्रसागर करेंगे।

  • Patrika

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