Home Jain News उत्तम शौच लोभ परिहारी, संतोषी गुण रतन भंडारी

उत्तम शौच लोभ परिहारी, संतोषी गुण रतन भंडारी

0
उत्तम शौच लोभ परिहारी, संतोषी गुण रतन भंडारी

श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर कोट ऊपर कामां पर पर्यूषण महापर्व के चौथे दिन आज दसलक्षण महामण्डल विधान के सौधर्म इन्द्र बनने का सौभाग्य देवेन्द्र कुमार गौरव कुमार लक्ष्य जैन को प्राप्त हुआ। और मंगलाचरण डी के जैन मित्तल ने किया। आचार्य विनीत सागर महाराज ने उत्तम शौच धर्म की व्याख्या करते हुए बताया कि जब तक लोभ के वशीभूत रहकर कार्य करोगे तब तक मन में शुचिता नहीं आ सकती। और इसी लोभ में आकर इंसान झूठ बोलता है। इसी कारण से आचार्यों ने उत्तम सत्य धर्म से पहले उत्तम शौच धर्म को माना है।

सकल जैन समाज कामां के प्रवक्ता डी के जैन मित्तल ने बताया कि आज कोट ऊपर जैन मंदिर पर ही आचार्य के सानिध्य में पुष्पदंत भगवान का पुजारियों द्वारा निर्वाण लाडू चढाकर मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया।बडे ही भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना की गई। कामां जैन समाज वर्किंग कमेटी द्वारा आयोजित इस विधान में जैन समाज के संरक्षक सत्येंद्र प्रसाद जैन, अध्यक्ष महावीर प्रसाद जैन लहसरिया, कोषाध्यक्ष काली जैन, मंत्री कैलाश जैन, राजेंद्र जैन, रिंकू जैन बड़जात्या, मोहित जैन सहित समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।


Comments

comments