प्रभु स्मरण के लिए समय निकालें नहीं, जब भी समय मिले तब करें ध्यान: आचार्यश्री विद्यासागर


इंदौर। दूध को धीमी आंच पर तपाकर पानी को हटाया जाता है तब हमें सुगंधित खोया प्राप्त होता है। उसी प्रकार यह शरीर है, इसे तपा दिया जाए या मंथन कर दिया जाए तो उस आत्मारुपी खोया (मावा) को प्राप्त किया जा सकता है। प्रभु का स्मरण करने के लिए अलग से समय निकालने के बजाय, जब मौका मिले तब स्मरण करें। यह बात आचार्य श्री विद्यासागर जी  महाराज ने बुधवार को सुदामा नगर स्थित जैन मंदिर में समाजजनों को संबोधित करते हुए कही।

उन्हाेंने कहा- जो शरीर को तपाता है उससे बढ़कर रईस कोई दूसरा नहीं। आत्म तत्व को पाने वाला ही तीन लोक का नाथ बन सकता है। सुबह से ससंघ का प्रतिक्रमण, स्वाध्याय सुदामा नगर में हुआ। दयोदय ट्रस्ट परिवार के महामंत्री संजय मेक्स ने बताया कि गुमाश्ता नगर, स्मृति नगर, कालानी नगर, छत्रपति नगर के समाजजनों ने आचार्यश्री को श्रीफल भेंट कर आगमन के लिए निवेदन किया।

 

               — अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी


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