ओजस्वी वाणी और बेवाक बोलने के लिए प्रख्यात मुनि सुधासागर जी महाराज उदयपुर प्रवास के दौरान मंगलवार को प्रवचनों से श्रद्धालुओं को जीवनज्ञान से आत्मसात कराते हुए कहा कि धर्मात्मा और त्यागी वे होते हैं, जिनमें पाप करने की शक्ति तो है किंतु वे पाप नहीं कर रहे। मुनिश्री सर्वऋतु विलास स्थित महावीर दिगम्बर जैन मंदिर के सभागार में संबोधित कर रहे थे। सहप्रचार मंत्री राकेश जैन ने बताया कि मंगलवार के कार्यक्रमों में मंगलाचरण, आचार्य विद्यासागर के चित्र का अनावरण, शास्त्र दान और मुनिश्री का पाद पक्षालन किया गया। इसके बाद सायं 06.30 बजे शंका समाधान, मुनिश्री की आरती और क्षुल्लक गंभीर सागर जी के प्रवचन हुए। प्रचारमंत्री शांतिकुमार कासलीवाल ने बताया कि बुधवार प्रात: 06.30 बजे मुनिश्री ससंग शोभायात्रा के साथ सर्वऋतु विलास से विहार कर सेक्टर-5 स्थित शांतिनाथ चैत्यालय पहुंचेंगे।