Home Jain News लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने फिर से लिया मुनिश्री सुधासागर से आशीर्वाद

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने फिर से लिया मुनिश्री सुधासागर से आशीर्वाद

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने फिर से लिया मुनिश्री सुधासागर से आशीर्वाद

कोटा। लोकसभा के अध्यक्ष आज सायं साढ़े चार बजे पुण्योदय तीर्थ दादाबाडी की नसिया में विराजमान मुनि पुगंव श्री सुधासागरजी महाराज के चरणों में पहुँचे, श्री फल भेंट कर कोटा में ही चातुर्मास का निवेदन किया। इस दौरान पुण्योदय तीर्थ कमेटी के निर्देशक हुकम काका अध्यक्ष जम्बूजी सर्राफ सकल जैन समाज के अध्यक्ष विमल नानता वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश मड़िया महामत्री विनोद टोड़ी ने लोक सभा अध्यक्ष का शाल और पगड़ी भेट कर सम्मान किया।

इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोविड-19 के दौरान गुरु देव आपके भक्तों व जैन समाज ने लोगों की जरूरतमदो की बहुत सेवा की। उसकी जितनी प्रंशसा की जाए कम है। गुरु देव आपके आशीर्वाद से समाज शिक्षा के क्षेत्र में बहुत काम कर रहीं हैं।आज समय की माँग है कि छोटे छोटे गाँव में चिकित्सालय व चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार हो आप समाज जनो व भक्तों को प्रेरणा देगे तो निश्चित ही इसमें सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि गुरु देव आपकी नजर जिस ओर हो जातीं हैं वह राह आसान हो जाती हैं। आपके इस भक्त को लोकतंत्र के मन्दिर में सेवा करने का मौका मिला। आपका आशीर्वाद व मार्गदर्शन हमारे लिए मील के पत्थर की तरह कार्य करता रहता है।

कोटा रियासत में ही होगा चातुर्मास

मुझे खुशी है कि मेरा भक्त राष्ट्र सेवा में लगा है- muni shri Sudha Sagar

इस अवसर पर मुनि पुगंव श्री सुधासागरजी  महाराज ने कहा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को आशीर्वाद देते हुए कहा कि हर बार अगवानी में आप रहते थे।  इस बार आपकी जगह बड़े भाई राजेश ने की अगवानी मुझे खुशी है कि मेरा भक्त आज देश की अग्रिम पंक्ति में रहकर लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में देश की सेवा कर रहा है। हम जब भी कोटा आये ओम जी अग्रिम पंक्ति में रहते थे। आज राष्ट्र सेवा में लगे हैं मुझे प्रसन्नता हैं कि शिक्षा के क्षेत्र में तो समाज काम कर रहीं हैं आपने चिकित्सा की ओर अग्रह किया है तो इस क्षेत्र में भी संभावना बहुत है। भक्त आगे आकर काम करें इसकी आवश्यकता को देखते हुए प्रेरणा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आप समाज जनो के श्री फल भेंट कर रहे थे तो चातुर्मास कोटा रियासत में ही होगी देखो कहा होता हैं ।

 

— अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी


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