Home Jain News असम के गौरीपुर मे रचा स्वर्णिम इतिहास, दो दिगम्बर जैन संघो का भव्य इतिहासिक मिलन

असम के गौरीपुर मे रचा स्वर्णिम इतिहास, दो दिगम्बर जैन संघो का भव्य इतिहासिक मिलन

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असम के गौरीपुर मे रचा स्वर्णिम इतिहास, दो दिगम्बर जैन संघो का भव्य इतिहासिक मिलन

बंगाईगांव। गौरीपुर शहर आज बुधवार एक बार फिर दिगम्बर जैन अनुयायियों के लिए अपार श्रद्धा का केन्द्र बना ओर वहाँ एक स्वर्णिम इतिहास लिखा गया। मीडिया प्रभारी रोहित छाबड़ा ने बताया आज दिगम्बर मुनि १०८ चर्या शिरोमणि श्री पुण्य सागर जी ससंघ एवं पूज्य आर्यिका गुरुमा विंध्यश्री माताजी का मंगल मिलन गौरीपुर मे हुआ यह दो संघो व 17 जैन साधुओं का असम की धरा पर प्रथम बार यह मंगल समागम हुआ जिसमें श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। दोनो संधो के मिलन को देख कर सभी श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। इस दौरान श्रद्धालुओं को खुशी भी थी और गम भी खुशी इस बात की असम में आर्यिका माताजी का मंगलमयी भव्य प्रवेश ओर गम इस बात का की मुनी १०८ चर्या शिरोमणि पूण्य सागर जी की असम से विदाई अलविदा।

दिगम्बर समाज के प्रवक्ता रोहित छाबड़ा ने बताया कि कार्यक्रम से पहले विंध्यश्री माताजी का ससंघ गोरीपुर में मंगल प्रवेश हुआ। मंगल प्रवेश का जुलूस बेंड बाजो के साथ गौरीपुर रेलवे स्टेशन से शुरू हुआ और मध्य में अगवानी करने पहुंची १०८ पूण्य सागर जी की ससंघ आर्यिका माताजी सौरभमती माताजी ओर सभी आर्यिका माताजी व ब्रह्मचारणी विणा दीदी(बिगुल) का मिलन फीर वहां से जुलूस कस्बे के चौराहो व रास्तों से नाचते गाते गुजरता हुआ कस्बे के गणेश अखाड़े पहुंचा वहां पर वो नजारा देखने मीला जिसको देखने के लिए सभी की आँखे निहार रही थी, वहाँ चर्या शिरोमणि मुनी १०८ श्री पूण्य सागर ससंघ व आर्यिका गुरुमा १०५ विंध्यश्री माताजी ससंघ मंगल मिलन हुआ यह मिलन गणेश अखाड़े के हॉल परिसर में हुआ।

गुरुमा विंध्यश्री माताजी ससंघ ने साधू परमेष्ठी ससंघ को नमोस्तु कर उनकी वन्दना की ओर आशिर्वाद प्राप्त किया और फिर गुरुवर का पाद पक्षालन कर भक्ति की यह दृश्य देख कर भक्तगण अपने आप को धन्य समझने लगे और एक बार तो ऐसा लगा जैसे वक़्त ठहर सा गया हो ओर असम की धरा पर एक युगों युगों तक याद रखने वाले इतिहास रच गया। फिर कार्यक्रम की शुरुआत हुई और ब्रा. विणा दीदी(बिगुल) ने मंच संचालन किया और कहा कि गौरीपुर का नाम जैन समाज के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा क्यो की यह असम में पहला मौका है जिसमें दो बडे संघो का आपस मे मंगल मिलन हुआ।

कार्यक्रम की आगे की रूपरेखा में  बंगाईगांव समाज के अध्यक्ष अशोक पहाड़िया व समाजजनों ने मुनी श्री १०८ पुण्य सागर जी के श्रीचरणों में 2019 के वर्षायोग के लिये मंगल कामना भाते हुए श्रीफ़ल चढ़ाया ओर कहा गुरुवर असम वासियों को भूल मत जाना और लौट कर आना और बंगाईगांव में वर्षायोग करके हमारी प्यास बुझाना व धर्म प्रभावना करना।इसी क्रम में बंगाईगांव अध्य्क्ष व समाजजनों ने पूज्य आर्यिका गुरुमा १०५ विंध्यश्री माताजी के श्रीचरणों में श्रीफ़ल भेट कर बंगाईगांव आने हेतु निवेदन प्रस्तुत किया। बंगाईगांव से समाज के अध्यक्ष अशोक पहाड़िया व मंत्री नरेंद्र गोधा सलाहकार महावीर सोगानी प्रवक्ता रोहित छाबड़ा महिला मंडल अध्यक्ष सुनीता सेठी उपाध्यक्ष निर्मला ठोल्ल्या संरक्षक सरिता पहाड़िया व पवन सेठी, साकेत सेठी,विमल रारा, मनसुख बज, मीनेश पहाड़िया व सभी समाजजनों के साथ सैकड़ों लोग पहुंचे।

कार्यक्रम में धुबड़ी, गौरीपुर, दिनहाटा,बंगाईगांव व निचले असम की सभी जैन समाजो ने मुनि श्री के चरणों मे अगले वर्षायोग के लिये श्रीफ़ल चढ़ाया ओर सभी ने गुरुमा विंध्यश्री माताजी ससंघ को श्रीफ़ल चढ़ा कर अपने यहाँ आने के लिए निवेदन किया।

कार्यक्रम के अगले पड़ाव में पहले गुरुमा विंध्यश्री माताजी ने अपना उद्बोधन किया और बहार से आयी समाजो व समाजजनों को आशिर्वाद दिया ओर  कर्मानुसार फिर साधू परमेष्ठि १०८ पूण्य सागर ने प्रवचन दिया व सभी को मंगल आशिर्वाद दिया।

                 — रोहित कुमार छाबड़ा


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