Home Jain News अशोक नगर जैन समाज अहिंसक वस्त्र निर्माण हेतु 250 हथकरघा केंद्र स्थापित करेगा

अशोक नगर जैन समाज अहिंसक वस्त्र निर्माण हेतु 250 हथकरघा केंद्र स्थापित करेगा

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अशोक नगर जैन समाज अहिंसक वस्त्र निर्माण हेतु 250 हथकरघा केंद्र स्थापित करेगा

इंदौर। अशोक नगर में विराजित मुनिश्री अभय सागर जी महाराज ससंघ के बाद आर्यिकारत्न दृढ़मति माताजी ससंघ के मंगल प्रवेश के अवसर पर  जैन समाज द्वारा स्थापित किये जाने वाले हथकरघा प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन कलेक्टर बी एस जामोद ने किया। जैन समाज द्वारा नगर में लगभग 250 हथकरघा केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य है, जिसमें अब तक 17 केंद्र की स्थापना हो चुकी है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि शासन ने बुनकरों और हथकरघा केंद्र को लेकर अनेक योजनाएं शुरू की हैं। मध्य प्रदेश शासन द्वारा इस ओर विशेष ध्यान भी दिया जा रहा है। इस केंद्र का शुभारम्भ होना अतिमहत्वपूर्ण है क्योंकि हम स्वदेशी की ओर वापस आ रहे हैं।

इस अवसर पर मुनिश्री अभय सागर जी महाराज ने कहा कि आचार्य ज्ञानसागर जी के साथ आचार्य विद्यासागर जी महाराज की बड़ी कृपा रही है, जिससे गौसेवा और हथकरघा के क्षेत्र में जैन समाज काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पं. भूरामल शास्त्री ने चम्पू काव्य में वस्त्र निर्माण और हथकरघा पर विशेष बात कही है। हथकरघा से तैयार वस्त्र पूरी तरह से अहिंसक होंगे और भगवान महावीर के अहिंसा के सिद्धांत सहित महात्मा गांधी के स्वदेशी अपनाओं का सिद्धांत पूरा करने में कामयाब हो रहे हैं। 27 आर्यिकाओं के साथ वहां पहुंची दृढ़मति माता जी ने अपने संबोधन में कहा कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की हम सब पर बड़ी कृपा रही है। उन्होंने गौसेवा के क्षेत्र में अनेक गौशालाएं बनवाकर गौवंश की रक्षा का बीड़ा उठाया है और आज अशोक नगर में हथकरघा केंद्र का शुभारम्भ होने से यहां अहिंसक वस्त्रों का निर्माण किया जा सकता है।

इस मौके पर विनय भैया ने कहा कि पानी छानने के लिए कपड़े का गलना उपयोग किया जाता है। जब उस कपड़े की जांच की गई तब मामला सामने आया कि इस कपड़े के निर्माण में चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज ने निर्णय लिया कि इस तरह के हिंसक कपड़ों का उपयोग न करते हुए ऐसे वस्त्रों का प्रयोग किया जाए जो पूरी तरह अहिंसक हों। इसके बाद से ही पूरे देश में जगह-जगह हथकरघा केंद्र स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब तक कुंडलपुर, बीना-बारा, खिमलासा, मुंगावली, आरोन, गुना, नेनागिरि, डोंगरगढ़, जबलपुर, इंदौर, पूना, मुम्बई, राहतगढ़ आदि स्थानों पर हथकरघा केंद्र स्थापित किये गये हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अशोक नगर जैन समाज ने 250 हथकरघा केंद्र लगाने की घोषणा की है, जिसमें 17 हथकरघा केंद्र स्थापित हो चुके हैं।


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