दिनाँक 3 सितम्बर से 12 सितंबर तक प्रतिदिन सामूहिक कलश पूजन तीर्थंकर विधान दसलक्षण विधान और फिर संध्या सामूहिक आरती भैया उमेश जी शास्त्री द्वारा प्रवचन का कार्यक्रम हुआ । प्रतिदिन श्री वीर नवयुवक मंडल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए गए जिसमे सबने बढ़ चढ़ कर भाग लिया। इस मौके में श्रीमान संजय जी जैन छाबड़ा ने दस दिनों का दसलक्षण व्रत भी किया।
पर्युषण पर्व पर श्री जी की सवारी के लिए नया चांदी का पालकी भी बनकर आया और अनंत चतुर्दशी में श्रीजी को पालकी में नगर भ्रमण कराया। 15 सितम्बर को जैनियों का क्षमापर्व भी मनाया गया जिसमें सभी ने एक दूसरे से उत्तम क्षमा याचना की। इस पूरे दसलक्षण पर्व पर श्री नवयुवक मंडल श्री विज्ञादर्श मंडल श्री त्रिशला मंडल एवं सम्पूर्ण जैन समाज ने अपना योगदान दिया।
— Mitu Jain
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