अशोकनगर जैन समाज द्वारा आचार्यश्र विद्यासागर जी महाराज का 45वां आचार्य पदारोहण दिवस धूमधाम से मनाया। नगर के पारसनाथ जिनालय में मुनिश्री अभय सागर जी, प्रभात सागर जी एवं पूज्य सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य मुकेश जी के निर्देशन में आचार्यश्री के पदारोहण दिवस के विभिन्न कार्यक्रम भक्तिभाव के साथ सम्पन्न हुए। कार्यक्रम की शुरूआत पारसनाथ जिनालय के प्रांगण में भगवान की जगतकल्याणी कामना के साथ शांतिधारा के साथ शुरू हुई।
इसके पश्चात भगवान की महापूजा के साथ ही मुनिसंघ के सानिध्य में आचार्यश्री की महाआराधना की गई, जिसमें सवरेदय विद्यासागर पाठशाला की बहिनों ने महापूजा में जल समर्पण, त्रिशला देवी महिला मंडल को चंदन अक्षत, वामादेवी महिला मंडल को पुष्प, पारसनाथ कमेटी ट्रस्ट को नैवैद्य एवं दीप, पंचायत कमेटी को फल एवं सम्पूर्ण भक्तों को महाअर्ध समर्पण का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
आचार्यश्री के 45वें आचार्य पदारोहण दिवस के अवसर पर शैलेंद्र-श्रृंगार के मधुर संगीत के उपरांत 45 दीपों से महाआरती की गई। मुनिश्री अभय सागर जी, प्रभात सागर जी, पूज्य सागर जी को 45 शास्त्र भेंट किये गये। इसके अलावा जैन अतिशय क्षेत्र थूबोन जी में बुधवार को मंडल के तत्वाधान में विशेष समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें शांतिधारा के पश्चात भक्ति-भाव से पूजा-अचर्ना की गई।
इस अवसर पर प्रचार मंत्री विजय धुर्रा ने कहा कि आज ही के दिन आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज ने अपने सिंहासन से उतरकर मुनि विद्यासागर जी महाराज को अपने सिंहासन पर बैठाया और अपना आचार्य पद प्रदान किया। यह जैन इतिहास की अनोखी घटना थी, जब स्वयं अपने आचार्यश्री ने अपने शिष्य को उच्च आसन पर बिठाकर स्वयं नीचे बैठे हो।