सम्मेद शिखर जी के पर्वतराज पर चौपड़ा कुण्ड पर हुआ स्वर्ण कलशा एवं ध्वजारोहण


गिरिडीह। साधना महोदधि, उभय मासोपवासी अखण्ड मौन तप धारी,उत्कृष्ट सिंहनिष्क़ीडित ब्रत करने बाले अन्तर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर महाराज के अखण्ड मौन तप की मुखर साधना से रोज नित्य तीर्थराज सम्मेद शिखर पर्वत पर नवीनीकरण-सौन्दर्यीकरण हो रहा है।

12-13 जून को चौपड़ा कुण्ड पर 40 माह से बन्द पढा चौपड़ा कुण्ड जिनालय की शुद्धिकरण एवं स्वर्ण कलशा रोहण-ध्वजारोहण हुआ एवं सहस्र बीजाक्षर मन्त्रो से पारसनाथ भगवान का महा मस्ताभिषेक, 44 अर्घो से दिव्यार्चाना ,विश्व शान्ति महायज्ञ ,तपाचार्य अन्तर्मना प्रसन्न सागर जी महाराज एवं आचार्य गुण भद्र नन्दी जी महाराज के संघ सानिध्य मै सम्पन्न हुआ। देश के मूर्धन्य विद्वान पं रतन लाल जी शास्त्री जी ने कहा -अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर महाराज का
मै बहुत बडा उपकार मानता हू कि उन्होने मेरी समाधि का सबसे बडा विकल्प चौपड़ा कुण्ड खुलवाकर दूर कर दिया।

मै यह चौपड़ा कुण्ड अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज को सौपता हू। आप ही इसका संरक्षण करे और जैन समाज को उपकृत करे। दो दिवसीय आयोजन की विधि क्रिया ब्रःतरूण भईया इन्दौर ने करवाई। चौपडा कुण्ड नवीनीकरण के लाभार्थी संघपति मुकेश, हरिता देवैश ठोल्या चैन्नई। रोहित दिव्या रोहन,धान्या चैन्नई।देवेन्द्र कुमार, दीपेश दीपिका वरूण, स्वेता युक्ति, मौलिक हार्दिक तन्मय जैन दिल्ली। संजीव रेखा,संदीप साधना बडजात्या कोलकाता ने लिया।

— राज कुमार अजमेरा


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