पहली बार मैना सुंदरी ने किया था सिद्ध चक्र महामंडल विधान: Jain Muni प्रमाण सागर जी


प्रमाण सागर जी महाराज बोले- बावनगजा में हो रहा देश का पहला 84 मंडलीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान

बावंनगजा। सिद्धक्षेत्र बावंनगजा में सोमवार से 84 मंडलीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान शुरू हो गया है। इसको लेकर मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज बोले- देश में पहली बार इतने बड़े स्तर पर विधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया हजारों साल पहले मैना सुंदरी नामक महिला ने पहली बार सिद्ध चक्र महामंडल विधान किया था और इसे करने से उसके पति का कुष्ठरोग ठीक हो गया था। तभी से सिद्ध चक्र महामंडल विधान करने की परंपरा शुरू हुई।

बावनगजा ट्रस्ट सदस्यों ने बताया सोमवार से 84 मंडलीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान शुरू हो रहा है, जो 12 नवंबर तक चलेगा। पहले दिन सुबह 4.45 बजे सक्लीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा किया गया। सुबह 7.30 बजे ध्वजारोहण, पंडाल उद्घाटन, मंडप शुद्धि, मंडप प्रतिष्ठा, अभिषेक, शांतिधारा के साथ विधान शुरू हुआ। इसको लेकर रविवार को अंतिम तैयारियां की गई। पंडाल में मंडल तैयार करने के साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। लाइटिंग की गई सहित अन्य कार्य किए गए।

सिद्ध चक्र महामंडल विधान का अर्थ

सिद्ध : जो समस्त कर्म कलंक से मुक्त देहातीत परमात्मा है।

चक्र : समूह में पूजन करना।

मंडल : एक वृत्ताकार यंत्र से है। इसमें अनेक प्रकार के मंत्रों व अक्षरों की स्थापना की जाती है।

विधान : साधन या अनुष्ठान, विधान का अर्थ एक ऐसे अनुष्ठान से है, जो हमारे लक्ष्य की पूर्ति का साधन है।

जानिए इस महामंडल विधान का महत्व

मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज के अनुसार जैन परंपरा में सिद्ध चक्र महामंडल विधान का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि सिद्ध चक्र विधान में सभी पूजाएं समाहित हो जाती है। भाव विशुद्धि के साथ इस विधान का अनुष्ठान करने से घर-गृहस्थी के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। ऐसी मान्यता भी है कि गृहस्थजनों के जीवनभर में हुए ज्ञात-अज्ञात पापों के प्रायश्चित के लिए एक बार ये विधान जरूर करना चाहिए।

ये रहेगा खास

सिद्ध चक्र महामंडल विधान का 165 देशों में लाइव प्रसारण होगा। देश के अलग-अलग जैन तीर्थों पर एलईडी के माध्यम से लाइव प्रसारण देखकर विधान किया जाएगा।

ऐसी है कार्यक्रम की व्यवस्था

पंडाल : विधान के लिए 40 हजार वर्गफीट में पंडाल तैयार किया गया है।

ठहरने : विधान करने वाले लोगों को रुकने के लिए बावनगजा में 165 कमरे, 11 हाल सहित शहर की सभी धर्मशालाएं, होटलें बुक की गई है।

पार्किंग : बावनगजा परिसर के बाहर पार्किंग व्यवस्था रखी गई है। बड़े वाहनों के लिए अलग और छोटे वाहनों के लिए अलग।

सुरक्षा : पंडाल सहित पूरे परिसर में 40 से ज्यादा अस्थाई सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कुछ पहले से स्थाई लगे हैं। पुलिस भी मौजूद रहेगी।

— अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी

For the first time, Maina Sundari did the Siddha Chakra Mahamandal Vidhan: Jain muni Praman Sagar

Jain Muni Praman Sagar Ji Maharaj said – First time 84 Mandal Siddha Chakra Mahamandal Vidhan of the country being held in Bawangaja


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