मछली पालन के लिए मंत्रालय बन सकता है, तो फिर गौ पालन के लिए क्यों नहीं?


विदिशा में जैन श्वेताम्बर राष्ट्रीय संत कमल मुनि कमलेश जी ने देश में गायों की हालत को देखकर शुक्रवार एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज देश में गौमाता काफी बुरी हालत से गुजर रही हैं। एक तरफ जहां जंगली जानवरों की सुरक्षा पर अरबों-अरबों का खर्च किया जा रहा है, वहीं हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए पूज्य गायों की रक्षा और उनका देखभाल न कर, उनको कत्लखानों में भेजा जा रहा है। यदि ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में भगवान को चर्बी के घी का प्रसाद चढ़ाना और यूरिया निर्मित दूध से अभिषेक करना पड़ सकता है।

मुनि ने कहा कि वर्तमान में दिखावे के दौर में लोग पाखंड में सबसे अब्बल हैं। तस्वीर में गाय की आरती उतारेंगे, मंदिरों में संगमरमर की गाय की पूजा करेंगे किंतु जिंदा गाय को कत्लखाने में जाने से नहीं रोकेंगे। उन्होंने आगे कहा कि गाय माता के प्रति आस्था न कांग्रेस में है और न भाजपा में। ये मात्र वोट बैंक की राजनीति के चक्कर में गाय के नाम का उपयोग कर रहे हैं। आज मध्य प्रदेश में लगभग 300 अवैध कत्लखाने चल रहे हैं । यदि योगी सरकार 24 घंटे में अवैध कत्लखानों को बंद करवा सकती है तो मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों की सरकारें क्यों नहीं करवा सकती।

उन्होंने मोदी सरकार से कहा कि दो घंटे में नोटबंदी कराने वाली सरकार गौरक्षा कानून क्यों बना सकती। उन्होंने कहा कि मीट का निर्यात तीन गुना तक बढ़ा है। उन्होने कहा कि मछली पालन के लिए मंत्रालय बन सकता है तो गाय पालन क्यों नहीं। मुनि ने कहा कि हर कोई जानता है कि पालिथीन गायों के लिए हानिकारक हैं। उस पर प्रतिबंध की बात तो हो रही है किंतु उसके मूल को नष्ट नहीं किया जा रहा है। उनके अनुसार छोटे-मोटे सब्जी-दुकान वालों की जगह पालीथीन के निर्माण पर रोक लगानी चाहिए।


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