आचार्य विद्यासागर जी के समक्ष रखे उपकरण पर संजीवनी संयम सूत्र बंधा गया


इंदौर। रक्षावन्धन के महान पर्व पर आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के समक्ष रखे उपकरण पर श्रद्धालुओं द्वारा राखी रूपी संजीवनी संयम सूत्र बंधा गया एवं विश्व मे विराजमान सभी साधु संतों की रक्षा के प्रति संकल्प लिए गए।
इस राखी की विशेषता यह थी कि इसमें आचार्य संघ के सभी साधु महाराजों की फ़ोटो लगाकर बनाई गई थी। संघ में विराजित ब्रह्मचारी सुनील भैया द्वारा यह जानकारी दी गई। आचार्य भगवन इन्दोर स्थित प्रतिभास्थली तीर्थक्षेत्र पर विराजमान है।
रक्षाबंधन का पर्व जिसको रक्षा पर्व भी कहा जाता है। परम पूज्य अभिक्ष्ण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी महामुनिराज के अनुसार जैन धर्म मे मुनिसुव्रतनाथ भगवान के काल से मनाया जाता है। रक्षाबन्धन के दिन ही…
1- मुनि विष्णु कुमार द्वारा 700 मुनियों पर आए उपसर्ग को दूर किया गया
2- ग्यारहवें तीर्थंकर भगवान श्रेयांसनाथ का निर्वाण कल्याणक पर्व
3- सोलह कारण पर्व का प्रारम्भ
4- अष्टम बलभद्र रामचन्द्र के दोनों पुत्र जो मोक्षगामी जीव थे कि जन्मजयंती
5- श्रावकों द्वारा यज्ञोपवीत का परिवर्तन दिवस होते है। उक्त कारणों के कारण जैन धर्मावलंबियों द्वारा रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है।

इंदौर जैन समाज के प्रवक्ता संजीव जैन “संजीवनी” ने सभी समाज जन से अपील की है कि रक्षाबंधन पर्व पर मंदिरो और साधु महाराजों के उपकरणों मे रक्षासूत्र बांधते हुए एक संकल्प सभी ले कि घर को ही मंदिर बनाकर, आपातकाल के इस दौर में वैश्विक महामारी से देश मे विराजमान सभी परमेष्ट्री भगवंतों,साधु,संतो, श्रद्धालुओं के वचाव के सम्पूर्ण उपाय करेंगे और सरकार द्वारा निर्देशित प्रत्येक नियम का पालन करेंगे।


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