त्रिलोक तीर्थ धाम की धरा पर स्याद्वाद युवा क्लब ने रचा इतिहास


22 जुलाई 2023 को त्रिलोकतीर्थ धाम मानो दुल्हन की तरह सज़ा हुआ था, कही पर फुव्वारा चल रहा है तो कही गुब्बारों की सजावट कही पर रंग बिरंगी सजावट थी तो कही फूलों से सजा हुआ द्वार और हो भी क्यों न आखिर स्याद्वाद युवा क्लब के 500वे अभिषेक का अवसर था, जिसकी गूंज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दे रही थी।

विश्व में प्रथम बार किसी जैन संस्था द्वारा साप्ताहिक अभिषेक का सिलसिला शुरू हुआ. सिंहरथ प्रवर्तक आचार्य श्री विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज की प्रेरणा से स्थापित स्याद्वाद युवा क्लब ने 1 अप्रैल 2012 को प्रथम अभिषेक करते हुए जन जन को धर्म के मार्ग पर लाने का जो आगाज़ किया था, उसी श्रृंखला में 23 जुलाई 2023 को 500वां साप्ताहिक अभिषेक पूजन त्रिलोकतीर्थ धाम की पावन धरती पर सम्पन्न हुआ.

22 जुलाई 2023 की शाम इतिहास के पन्नो में अपना विशेष स्थान बना गयी जब त्रिलोकतीर्थ धाम की भूमी पर स्याद्वद युवा क्लब ने अपने 500वें अभिषेक का आगाज़ किया। कार्यक्रम की शुरुआत हुई भजन सम्राट प्रसन्न कुमार जी के मन्त्रमुग्ध भजनों के साथ, उनके भजनों से पूरा पांडाल झूम उठा और नाचने गाने पर मजबूर हो उठा। फिर उसके बाद कार्यक्रम ने थोड़ी रफ्तार पकड़ी और चित्र अनावरण और मंगलाचरण करने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिसमे छोटे छोटे बच्चो ने अपनी प्रतिभा को उजागर किया जिसे देखकर वहाँ बैठे सभी लोग उत्साह से भरपूर दिखे, किसी ने नृत्य करके मन जीत लिया तो किसी ने भजन गाकर, कोई काव्य पाठ कर रहा था तो कोई सुंदर नाटिका। एक ही मंच पर तरह तरह के कार्यक्रमो का एक अनूठा संगम देखने को मिला जिन्होंने सभी का मन मोह लिया और अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठे रहने पर मजबूर कर दिया।

सभी कार्यक्रम की रंगत में इतना खो गए थे कि कब रात के10.30 बज चुके थे पता ही नही चला,पर लोगो का उत्साह काम होने के बजाये बढ़ता ही जा रहा था क्योंकि मंच पर आगमन होने वाला था स्याद्वाद युवा क्लब के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सबके दिलों पर राज करने वाले श्री शैलेश जैन जी का। उनके आने से मानो सभी लोगो में एक नए उत्साह की लहर का संचार हो गया। मानो असली कार्यक्रम तो अब शुरू हुआ था।

शैलेश जी ने मंच संचालन की बागडोर अपने हाथ मे ली और उन लोगो को पुरुस्कृत करना आरंभ किया जिन्होंने स्याद्वद युवा क्लब को विभिन्न विभिन्न क्षेत्रों में योगदान दिया।

अब रात के 1.30 बज चुके थे अब तो रात भी सोने की तैयारी में थी परंतु लोगो का जोश जैसे का तैसा ही बना रहा। और लोगो की मांग पर एक बार फिर प्रसन्न कुमार को बुलाया गया और नाच गाना किया गया। बहुत ही कम कार्यक्रम होते है जो इतनी रात तक चलते है परन्तु ये कार्यक्रम रात के 2.30 बजे तक चला जो इस बात का प्रमाण है कि ये बाकी सभी आयोजनों के भिन्न था और यहाँ की भव्यता देखते ही बन रही थी।

रात को 2.30 जब कार्यक्रम का जबरदस्ती और जबरदस्त समापन किया गया। लोग जाने को तैयार न थे उनको ये कहकर भेज गया कि सुबह 6:00 बजे फिर से सभीको अभिषेक और पूजन के लिए एकत्र होने है। मात्र 3 घंटे के अंतराल के बाद पुनः सब लोग अभिषेक पूजन के लिए जब एकत्रित हुए तो ऐसा लग रहा था मानो सभी बस सुबह का ही इंतज़ार कर रहे थे और कोई सोया ही नही था।

अब बारी थी जिन प्रभु का विधिवत अभिषेक और पूजन करने की, सभी लोग स्नान करके शुद्ध धोती दुप्पटे पहनकर और मुकुट माला के साथ साक्षात् इन्द्र जैसे ही प्रतीत हो रहे थे। श्री जिनेन्द्र जी जैन द्वारा सभी के लिए एक जैसे धोती दुप्पट्टे और मुकुट माला का इंतज़ाम बहुत ही कम समय में किया गया था।

मंदिर जी का प्रांगड़ मानो इन्द्रो की उपस्थिति से भर गया था और वहाँ पाँव रखने की भी जगह नही थी। जिस भक्तिभाव से त्रिलोक तीर्थ धाम में 500वां अभिषेक सम्पन्न हुआ उसकी जितनी प्रशंशा की जाए उतनी ही कम है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये हुए सदस्यो की उपस्थिति से कार्यक्रम में चार चाँद लग गए। कार्यक्रम के समापन के समय सभी की आंखे नम थी मानो कह रही हो कि अभी हमे वापस नही जाना हमे यही रहना है और स्याद्वद युवा क्लब के साथ कुछ और पल बिताने है।

अभी तक स्याद्वाद युवा क्लब देश और विदेश के कुल 421 विभिन्न मंदिरों/चेत्यालयों मे अभिषेक पूजन सम्पन्न कर चुका ह और निरंतर ही इस दिशा में कार्यरत है। जिस स्याद्वाद क्लब की स्थापना के समय मात्र 11 सदस्य थे आज उस क्लब में 1200 से अधिक सक्रिय सदस्य है। देश के कोने कोने में इस क्लब के सदस्य रहते है जिसमे दिल्ली, ग़ाज़ियाबाद, नोएडा, मेरठ, मुरैना, ग्वालियर, शिखरजी, शिवपुरी, राजाखेड़ा , मुरैना , इंदौर , आगरा इत्यादि जगह शामिल है और निरंतर ही नए नए सदस्यों की इस क्लब से जुड़ने की स्वीकृति आ रही है।

स्याद्वाद युवा क्लब जितना अभिषेक, पूजन और अन्य धार्मिक क्रियाओं में सक्रिय है उतना ही सामाजिक कार्यों में भी संलग्न रहता है। चाहे वह केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद करना हो या अस्पताल में जाकर ज़रूरतमंदों को रक्तदान देना हो, निशुल्क चिकित्सा शिविर हो या वस्त्र वितरण , ज़रूरतमंदों को भोजन वितरण व् घर मैं राशन तक सदस्यों द्वारा पहुँचाया जाता है.

अब तक स्याद्वद युवा क्लब के सदस्य ज़रूरतमंदो को अस्पताल में पर जाकर 500 यूनिट से ज़्यादा रक्त देकर सेकड़ो लोगो की जान बच चुके है इससे पहले की मुहीम मे 10 रक्तदान शिविर लगाकर 853 यूनिट रक्त दिया जा चूका है। त्रिलोकतीर्थ धाम में ही स्याद्वाद युवा क्लब द्वारा स्कूल,वृद्धाश्रम, गौशाला और आहारशाला संचालित है, जिसका फायदा अब तक सैकड़ो लोगो को मिल चुका है।

आज स्याद्वद गुवा क्लब की ड्रेस (पीली टीशर्ट) पूरे भारत मे अपनी अलग पहचान बना चुकी है, पूरे भारत की जैन समाज में स्याद्वाद युवा क्लब आज किसी पहचान का मोहताज नही है। आचार्य श्री विद्याभूषण सन्मति सागर जी महाराज के आशीर्वाद को श्री शैलेश जैन जी के अथक प्रयासों से आज स्याद्वद पूरे भारत मे छा चुका है। स्याद्वाद युवा क्लब ही एक ऐसी संस्था है जिसका सदस्य बनने के लिए कोई मासिक या वार्षिक शुल्क नही देना पड़ता।


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