Home Jain News मधुबन में पहली बार बिना भक्तों के जैन धर्म का सबसे महान पर्व दसलक्षण शुरू

मधुबन में पहली बार बिना भक्तों के जैन धर्म का सबसे महान पर्व दसलक्षण शुरू

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मधुबन में पहली बार बिना भक्तों के जैन धर्म का सबसे महान पर्व दसलक्षण शुरू

मधुबन। जैन धर्म के महान पर्व 10दिवसीय पयरूषण पर्व (दस लक्षण पर्व) रविवार दिनांक 23 अगस्त, 2020 से शुरू हो गये हैं। ऐसे में पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले चुका कोरोना वायरस की काली छाया सभी सम्प्रदाय के पूजा स्थलों सहित जैन धर्म के पर्व पयरूषण पर्व भी पड़ी है। ऐसे में जैन धर्म के सबसे पावन सिद्धक्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी में जहां पयरूषण पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ और रौनक रहती थी, वह इस वर्ष के पयरूषण पर्व में कोरोना महामारी की भेंट चढ़ चुका है।

श्री दिगम्बर जैन बीस पंथी कोठी के मैनेजर श्री सुधाकर अन्नदाते एवं जैन समाज के महामंत्री श्री सत्येंद्र कुमार जैन ने संयुक्त रूप से जानकारी दी कि दस लक्षण महाव्रत पर्व रविवार से उत्तम क्षमा से शुरू होकर 1 सितम्बर को क्षमावाणी पर्व के साथ समाप्त होंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए श्री दिगम्बर जैन बीस पंथी कोठी के अंतर्गत श्री दिगम्बर जैन समवशरण मंदिर प्रांगण में पारस ज्योति मंडल की ओर से नित्य प्रभु भक्ति एवं भजन का लाइव प्रसारण किया जाएगा, जिससे घर बैठकर हमारों/लाखों श्रद्धालुगण इस पर्व पर प्रभु भक्ति का लाभ ले सकेंगे। इसके अलावा श्री दिगम्बर जैन अणिंदा पाश्र्वनाथ भवन के मैनेजर श्री सुधीर कुमार जैन ने बताया कि रविवार को पयरूषण पर्व के पहला दिन उत्तम क्षमा का दिन है। उत्तम क्षमा का तात्पर्य है कि आपको क्रोध के अनेकों कारण उपस्थित रहते हुए भी क्रोध नहीं करना है बल्कि दूसरे को पूरे मन से क्षमा करना है।

जैन समाज के मंत्री श्री अतुल कुमार जैन ने कहा कि पयरूषण पर्व के पहले दिन उत्तम क्षमा, दूसरे दिन उत्तम मार्दव धर्म, तीसरे दिन उत्तम आर्जव धर्म, चौधे दिन उत्तम शौंच, पांचवें दिन उत्तम सत्य, छठे दिन उत्तम संयम, सातवें दिन उत्तम तप, आठवें दिन उत्तम त्याग. नौवें दिन उत्तम आकिंचन धर्म एवं दसवें दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की आराधना की जाएगी। क्षमावाणी का आयोजन दिनांक 3 सितम्बर को रखा गया है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से विशेष अनुरोध किया है कि पयरूषण पर्व के दौरान कोरोना महामारी के चलते सभी श्रद्धालुगण सख्ती से कोरोना से बचाव का सख्ती से पालन करें।


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