उत्तम आर्जव धर्म – धर्म सबसे पहले झुकने का पाठ सिखाता है: आचार्य पुलक सागर जी


बांसवाड़ा। क्रांतिकारी सन्त आचार्य श्री पुलक सागर जी महाराज ने कहा मैं कुछ हु तो यह अहंकार है अहंकार का जन्मदाता अज्ञान है। ज्ञान आते ही अज्ञान नष्ट हो जाता है। उत्तम मार्दव धर्म पर प्रकाश डालते कहा अगर तुम्हें कुछ मिला है तो अहंकार मे मत अकड़ो। जीवन को सरल सहज और मधुर  बनाओ। बिना विनम्रता सरलता  के बिना मानव जीवन की सार्थकता नही अहंकार की सबसे बड़ी समस्या समर्पण है। उन्होंने कहा इसका समाधान दौलत को नहीं दिलो को जीतना सीखो चार प्रकार की कषाय आदमी के जीवन पर लगी है।

उन्होंने कहा जो आदमी ज्यादा जोड़ तोडकर जीता है अन्त समय कोमा मे जाता है आचार्य जी ने कहा ब्रेन हेमरेज से बचना है तो क्रोध से मुक्ति पानी होगी। दिल की बीमारी से बचना है तो मान से मुक्ति पानी होगी जो इन सूत्रों को दिल मे उतार लेता है वह देही रूप से स्वस्थ नही होता चैतन्य से स्वस्थ्य होकर परम धाम निर्वाण पर जाया करता है उन्होनें कहा तुम अपने जीवन को अहंकार से कठोर मत बनाओ नही तो मौत तुम्हारा स्वागत करने खड़ी हो जाएगी। अहंकार अंधा होता है उसके पास पैर तो होते है पर आंखे नही होती।

आचार्य ने कहा महामारी मे मंदिर बन्द है आप की पूजा अर्चना मे बाधा आ रही है तो आप अकड़ो मत झुकना  सीखो। विनम्र बनो अपने घर से पूजा पाठ करो तो तुम्हारे पर्युषण पर्व साकार हो जाएगे।

 

      — अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी


Comments

comments

अपने क्षेत्र में हो रही जैन धर्म की विभिन्न गतिविधियों सहित जैन धर्म के किसी भी कार्यक्रम, महोत्सव आदि का विस्तृत समाचार/सूचना हमें भेज सकते हैं ताकि आप द्वारा भेजी सूचना दुनिया भर में फैले जैन समुदाय के लोगों तक पहुंच सके। इसके अलावा जैन धर्म से संबंधित कोई लेख/कहानी/ कोई अदभुत जानकारी या जैन मंदिरों का विवरण एवं फोटो, किसी भी धार्मिक कार्यक्रम की video ( पूजा,सामूहिक आरती,पंचकल्याणक,मंदिर प्रतिष्ठा, गुरु वंदना,गुरु भक्ति,गुरु प्रवचन ) बना कर भी हमें भेज सकते हैं। आप द्वारा भेजी कोई भी अह्म जानकारी को हम आपके नाम सहित www.jain24.com पर प्रकाशित करेंगे।
Email – jain24online@gmail.com,
Whatsapp – 07042084535