देवशास्त्र गुरू पर पूरी श्रद्धा एवं आस्था रखते हुए जिनेंद्र भगवान की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। उक्त उद्गार बड़े बाबा आदिनाथ अतिशय तीर्थक्षेत्र कुंडलपुर में प्रवासरत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि मनुष्य पर्याय से लेकर देव पर्याय, जो सम्यक दृष्टि है, वह भी देवशास्त्र गुरू पर विास रखते हुए पूजन से पूर्व जिनेंद्र भगवान का अभिषेक करता है। इसलिए हम सभी को देवशास्त्र गुरू पर आस्था रखनी चाहिए। इस अवसर पर आचार्य ज्ञानसागर महाराज के चित्र का अनावरण अहिंसा ग्रुप टीकमगढ़ एवं दीप प्रज्ज्वलन अजय जैन कोटा, आदीर जी बैंगलोर द्वारा किया गया। प्रथम कलश प्राप्त करने का सौभाग्य स्वप्निल जैन भोपाल को मिला और शांतिधारा करने का सौभाग्य अजय जैन भोपाल, सुधीर यशस्वी भारिल जबलपुर को मिला। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
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