माडल टाउन में मंगलवार को आयोजित दीक्षा कार्यक्रम के दौरान मुनि श्री तरुण सागर जी ने कहा कि जीवन को सही राह दिखाने के लिए एक गुरू जरूरी है फिर वह चाहे मिटटी के द्रोणाचार्य ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि पांच दिन के सत्संग में जो लोग उपस्थित रहे, वह दूध थे और जिन्होंने दीक्षा ली, वह मावा है। क्योंकि दूध को पकने के बाद तो मावा कम ही निकलता है। उन्होंने कहा कि उम्र व जिंदगी में अंतर है। गुरू बिना जो बीते, वह है उम्र और गुरू संग जो बीते, वह है जिंदगी। ब्रह्मचारी सतीश जी ने बताया कि कुरू मंत्र दीक्षा के पश्चात पानीपत तरुण क्रांति मंच का गठन किया गया है। मीना जैन अध्यक्ष, ममता जैन मंत्री, ऋचा चैन उपाध्यक्ष, नेहा जैन कोषाध्यक्ष, कलदीप जैन प्रवक्ता, मानक जैन संरक्षक एवं नवकार जैन को सांस्कृतिक मंत्री चुना गया। दीक्षा कार्यक्रम में भक्तों की भारी भीड़ उपस्थित थी। कार्यक्रम में पहली बार देखा गया कि कार्यकारिणी में महिलाओं को आगे रखा गया। दीक्षा कार्यक्रम में 40-50 लोगों ने स्वत: प्रेरणा से मुनिश्री को गुरू मानकर मांसाहार, मदिरापान का त्याग किया। दीक्षा लेकर स्वयं को संस्कारित कर अपने को धन्य समझा।
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जैन मुनि श्री महित सागर जी महाराज की हुई संलेखना पूर्वक समाधि
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