अद्वितीय परिकल्पना का साकार रूप स्वस्तिधाम जहाज़पुर


जहाजपुर। आर्यिका श्री स्वस्तिभूषण माताजी आशीर्वाद प्रेरणा से निर्मित स्वस्तिधाम उन्ही की परिकल्पना का एक साकार रूप आज निर्मित हो चुका है। जो विश्व की एक अनुपम धरोहर है जो भूतो न भविष्यति है जहां अतिशयकारी मुनिसवृतनाथ भगवान है जो अलौकिक है और बहुत ही प्राचीन है जिसके दर्शन मात्र से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

तीन मंजिला बनाया गया यह तीर्थ जहाजाकर

इस तीर्थ की प्रेरणा और आशीष स्वस्तिभूषण माताजी ने वर्ष 2014 मे इसकी आधारशिला रखी जो बहुत ही द्रुत गति से बनकर तैयार हुआ। जिसका पंचकल्याणक 31 जनवरी 2020 से आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के सानिध्य मे होंने जा रहा है। यहां अलौकिक यात्री निवास बनकर तैयार हो चुका साथ ही भोजनशाला निर्मित है। वह मूल मदिर जहाज़ाकर बनकर निर्मित है जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।

मंदिर जी के निचले तल सहस्त्र गुण चैत्यालय निर्मित किया जा चुका है।  वह द्वितीय तल पर अतिशयकारी मुनिसवृतनाथ भगवान विराजित होंगे साथ ही तृतीय तल चौबीसी का निर्मांण किया जा चुका है। मैंने स्वयं ने इस क्षेत्र का अवलोकन किया और दर्शन किया लग रहा है। यह जिनालय विश्व मे एक अद्वितीय कीर्तिमान स्थापित करेगा और  यह विश्व की एक अनुपम कृति के रूप मे जानी जायेगी।

जहाज़पुर के मुनिसवृत की प्रतिमा अनुपम न्यारी, दर्शन कर लो नर हो नारी,  इसकी छवि अनुपम प्यारी

— अभिषेक जैन लुहाड़िया, रामगंजमण्डी


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