बिहार के जैन तीर्थ क्षेत्रों में आचार्य विमल सागर की मूर्ति की स्थापना।


राजगीर (नालन्दा) बिहार :- भारतीय श्रवण परम्परा के पोषक, भद्र परिणामी, आत्महित रत, करुणा के सागर, मंगल भावना के स्त्रोत, गुरु परम्परा के अनुसार यंत्र – मंत्र विशारद, भविष्यवक्ता, चारित्र चूड़ामणि वात्सल्य रत्नाकर आचार्य श्री 108 विमल सागर जी महाराज की प्रतिमा बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी के अंतर्गत सभी जैन क्षेत्रों पर मानद् मंत्री श्री पराग जैन के निर्देशन में नवनिर्मित वेदी पर वेदी शुद्धीकरण कराकर विराजमान की गई ।

विदित हो कि सन् 2016 ई० को उनकी जन्म शताब्दी मनाई गई थी, उसी समय तत्कालीन मानद् मंत्री श्री अजय कुमार जैन ने बिहार स्टेट दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी के सभी क्षेत्रों पर आचार्य श्री की एक – एक प्रतिमा प्रतिष्ठित करने की घोषणा की थी । कमिटी के अध्यक्ष, परम मुनि भक्त एवं आचार्य श्री के कृपापात्र श्री आर० के० जैन, मुम्बई के सौजन्य से आचार्य श्री की प्रतिष्ठित प्रतिमा प्राप्त हुई तथा आचार्य श्री चैत्यसागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से सभी मूर्ति हेतु भव्य वेदी क्षेत्रों पर भेजी गई ।

आचार्य श्री 108 विमल सागर जी महाराज की वेदी शुद्धीकरण के लिए ग्वालियर से आये पंडित अजित शास्त्री जी, ध०प० – श्रीमति मनोरमा जैन, सहयोगी – श्री राकेश जैन ने 28/03/2018 से 02/04/2018 के बीच क्रमशः श्री गुणावां जी सिद्ध क्षेत्र, श्री कैवल्यधाम (जमुई) जी तीर्थ क्षेत्र, श्री मन्दारगिरी जी सिद्ध क्षेत्र, श्री कुण्डलपुर जी तीर्थ क्षेत्र, श्री पावापुरी जी सिद्ध क्षेत्र, श्री राजगृह जी सिद्ध क्षेत्र, श्री कमलदह जी सिद्ध क्षेत्र, श्री वैशाली जी तीर्थ क्षेत्र पर जाकर सभी क्षेत्रों पर वेदी शुद्धी कर प्रतिमा नवनिर्मित वेदी में विराजमान इनके द्वारा किया गया ।

आज पूरा देश इनका हर साल जन्म जयंती के रूप में मना रहा है और उनके प्रति अपनी श्रद्धांजली अनेक कार्यक्रम के माध्यम से अर्पित कर रहा है । ऐसे आचार्य श्री को शत् – शत् वन्दन ।

  • रवि कुमार जैन

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